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घिस गई चप्पलें, बोतल बना पैरों का सहारा पर जारी रहा इनका सफर
हारना नहीं है। परिस्थितियां चाहे जो भी हो। इससे भी विकट परिस्थिति क्या होगी, जब हजारों किलोमीटर के सफर पर मजदूर पैदल हीं निकल पड़े हैं। लेकिन लंबी से लंबी सफर भी उनके हौसलों के सामने बौना साबित हो र…