कोरोना महामारी के कारण पिछले 35 दिनों से देश में लॉकडाउन लागू है,जिसके कारण देश की फैक्ट्रियों पर ताले लगे हुए हैं, लोग घरों के अंदर हैं। इस लॉकडाउन का असर हमारी देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है और जीडीपी की रफ्तार थम गई है। अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी इन चुनौतियों को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को रिजर्व बैक ऑफ इंडिया के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से बातचीत की। चर्चा में आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि इस समय गरीबों की मदद करना जरूरी है। जिसके लिए सरकार के लगभग 65 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।
वैश्विक मंच पर भारत निभा सकता है बड़ी भूमिका
इस दौरान रघुराम ने कहा कि वैश्विक मंच पर भारत एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। शक्तिहीन लोगों को शक्तिशाली नेता अच्छा लगता है। हम विभाजित समाज के साथ कहीं नहीं पहुंच सकते। उन्होंने कहा कि आज हमें स्वास्थ्य, नौकरी के लिए अच्छी व्यवस्था करने की आवश्यकता है।
सामाजिक बदलाव जरूरी- राहुल गाँधी
वही राहुल ने कहा कि भारतीय समाज की व्यवस्था अमेरिकी समाज से अलग है। जिसके लिए सामाजिक बदलाव जरूरी हैं। हर राज्य का अपना एक अलग तरीका है। तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश को एक ही नजरिए से नहीं देखा जा सकता। आज जिस तरह की असमानता है वह चिंता का विषय है।
निर्भर रहने के लिए नए अवसर पैदा करना होगा
रघुराम राजन ने कहा कि हमारे पास लोगों के जीवन को बेहतर बनाने का तरीका है। कई राज्यों ने खाद्य, स्वास्थ्य, शिक्षा पर अच्छा काम किया है। हालांकि सबसे बड़ी चुनौती निम्न मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग को है जिनके पास नौकरी नहीं होगी। आज जरूरत है कि लोगों को केवल सरकारी नौकरी पर निर्भर न रखकर उनके लिए नए अवसर पैदा किए जाए।
गरीबों की मदद के लिए लगेंगे 65 करोड़ रुपये
बातचीत के दौरान राहुल ने रघुराम से पूछा कि गरीबों की मदद करने के लिए कितना पैसा लगेगा। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि तकरीबन 65 हजार करोड़ रुपये। हमारा जीडीपी दो लाख करोड़ की है। यह ज्यादा नहीं है। हम ऐसा कर सकते हैं।
अर्थव्यवस्था को किस तरह खोला जाए
राहुल गांधी ने पूछा कि देश में जारी लॉकडाउन के बीच अर्थव्यवस्था को कैसे खोला जाए? इसपर राजन ने कहा कि दूसरे लॉकडाउन को लागू करने का मतलब है कि आप खोलने को लेकर कोई सही तैयारी नहीं कर पाए। लोगों के मन में सवाल है कि तीसरा लॉकडाउन भी आएगा। यदि हम सोचें की शून्य मामले होने पर इसे खोला जाएगा तो यह असंभव है।कांग्रेस नेता ने पूछा कि अर्थव्यवस्था को लेकर काफी चिंता है। इन चुनौतियों से कैसे निपटना है इसे लेकर आपकी क्या राय है तो आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई के साथ-साथ हमें आम लोगों के रोजगार के बारे में सोचना होगा। इसके लिए कार्यक्षेत्र को सुरक्षित करना जरूरी है।
हमें अपनी परीक्षण क्षमता बढ़ानी होगी।
अर्थव्यवस्था खोलने के सवाल पर राजन ने कहा कि यदि हम अर्थव्यवस्था को खोलना चाहते हैं तो हमें अपनी परीक्षण क्षमता बढ़ानी होगी। हमें कोई भी एक हजार नमूने लेने होंगे और परीक्षण करना होगा। आज अमेरिका लाखों परीक्षण कर रहा है जबकि हम 20-30 हजार के बीच हैं।
अपने उद्योगों को दुनिया तक पहुंचाए और लोगों से बात करें
राहुल ने पूछा कि क्या इस तरह की स्थिति से भारत को लाभ हो सकता है। जब कोरोना का संकट खत्म होगा तो भारत को क्या करना चाहिए। इसके जवाब में रघुराम ने कहा कि इस तरह की काफी कम घटनाएं ही किसी पर अच्छा प्रभाव डालती हैं। भारत के पास मौका है कि वह अपने उद्योगों को दुनिया तक पहुंचाए और लोगों से बात करें।
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