बिहार के बाढ़ का ट्रेलर देखिये, उफनाई बागमती और कमला: मुजफ्फरपुर-दरभंगा के कई गांव पानी से घिरे

बिहार के बाढ़ का ट्रेलर देखिये दो दिनों से क्या  रुक-रुक कर बारिश हुई की उत्तर बिहार की कई नदियां लाल निशान से ऊपर बहने लगी तो कई खतरे के निशान को छूने को बेताब हैं। मंगलवार को मधुबनी में कमला खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर रही। वहीं बागमती बेनीबाद में लाल निशान से 39 सेमी ऊपर रही।

अगर बात जयनगर लदनिया के बीच एनएच 104 के डायवर्सन पर एक दिन पहले चढ़ा बारिश का पानी अभी उतर भी नहीं पाया है। आवागमन बाधित हो रहा है। साथही  मुजफ्फरपुर व दरभंगा के कई गांव पानी से अभी घिर चुके हैं।  ​

बता दें वहीं मुजफ्फरपुर में अचानक बागमती के जलस्तर में कमी आने से औराई और कटरा में लोगों ने राहत महसूस किया। जबकि हालात बता रहे हैं कि अभी भी दर्जनों गांव पानी से घिरे हैं। औराई व कटरा में तटबंध किनारे बसे गांवों का आवागमन बाधित है। यहां के लोग चचरी का पुल इस्तेमाल करते थे जो बह गये हैं।

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मुजफ्फरपुर में रेवाघाट में गंडक का जलस्तर 53.30 मीटर पर है। यहां खतरे का निशान 54.41 मीटर पर है। बूंढ़ी गंडक का सिकंदरपुर में  जलस्तर बढ़ा है। यहां 47.01 मीटर पर जलस्तर रिकार्ड किया गया है जबकि लाल निशान 52.53 मीटर पर है।​

सीतामढ़ी के कई गांवों के में घुसा पानी :

सीतामढ़ी में लगातार बागमती के जलस्तर में वृद्धि हो रही हैजिससे जिले के सुप्पी प्रखंड के जमला परसा,अख्ता समेत कई गांवों के निचले हिस्सों में फैल गया है। जिले की मरहा नदी के जलस्तर में वृद्धि से भीखा, बाजितपुर, पटदौरा, महुआ  गांव के निचले इलाकों में पानी भर गया है। वहीं खेतों में लगा बिचड़ा डूब गया है। हलांकि जिले में बागमती और अधवारा समूह की नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। ​

चंपारण में गंडक और बूढ़ी गंडक में भी जलवृद्धि, तो समस्तीपुर में नदियां स्थिर : ​

मंगलवार को वाल्मीकिनगर बराज से गंडक में 103700 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके कारण गंडक के साथ पश्चिम चंपारण में  सिकरहना व पंडई के जलस्तर में भी बढ़ोतरी जारी है। वहीं पूवी चंपारण में बूंढी गंडक और गंडक खतरे के निशान से नीचे है। ​

समस्तीपुर में भी गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। जबकि बूढ़ी गंडक का जलस्तर स्थिर है। गौरतलब है कि गंगा के सरारी घाट पर सुबह जलस्तर 43.06 मीटर पर था। बागमती के जलस्तर में 18 सेमी की बढ़ोतरी हुई है। हलाकि इस जिले से गुजरने वाली सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे हैं। ​

मिथिलांचल में बाढ़ का खतरा 

झंझारपुर में कमला का जल अस्तर 50.50 मीटर दर्ज करने के साथ खतरे के निशान से 50 सेमी ऊपर रही। वहीं अधवारा समूह की सहायक नदी धौंस में तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे जिले में बाढ़ की आशंका बढ़ गई है। बिस्फी में कई उपनहरों में पानी आने से खेतों में पानी फैलने लगा है। ​

बागमती बेनीबाद में खतरे के निशान से 39 सेमी ऊपर रही। यहां जलस्तर 49.07 मीटर दर्ज किया गया। अधवारा कमतौल में 47.90 मीटर और एकमीघाट में 44.38 मीटर पर रही। जबकि कमला सोनवर्षा (सीतामढ़ी) में 79.19 मीटर व जयनगर में 67.52 मीटर पर बह रही है। घनश्यामपुर प्रखंड के निचले क्षेत्र में बसे 10 गांव अभी भी चारों ओर से पानी से घिरे हैं। बता दें कि यहां के सैंकड़ों परिवार के लिए नाव ही आवागमन का एकमात्र सहारा है। गौरतलब है कि कुशेश्वरस्थान प्रखंड की तीन पंचायत पानी से घिरीं हैं। यहां भी लोग नाव से ही आवागमन कर रहे हैं। प्रखंड के कुंजभवन गांव में कटाव जारी है। ​