टैक्स सिस्टम में हुआ बड़ा सुधार, करदाताओं को मिले तीन बड़े अधिकार, पीएम का एलान

पीएम नरेंद्र मोदी ने ईमानदारी से कर चुकाने वाले करदाताओं के लिए ’पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ नामक एक प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कई बार ईमानदार करदाताओं की तारीफ भी की. उन्होंने ऐसे करदाताओं के लिए ऐसे करदाताओं के लिए एक बड़ा प्रोग्राम शुरू किया। इसके तहत अब करदाता को फेसलेस असेसमेंट, टैक्सपेयर्स चार्टर, फेसलेस अपील की सुविधा मिलेगी। साथ ही अब कर देने में आसानी होगी, तकनीक की सहायता से लोगों पर भरोसा जताया जाएगा।

वित्तमंत्री भी रहीं शामिल

इस आयोजन में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर शामिल हुए, इसके साथ ही आयकर विभाग के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघों एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट संघों के साथ-साथ जाने-माने करदाता भी इस आयोजन में शामिल हुए। वहीं, प्रधानमंत्री ने इस मौके पर लोगों को संबोधित किया और इस योजना के बारे में बताया।

टैक्सपेयर्स के योगदान से ही चलता है देश

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि अब जान-पहचान का मौका खत्म हो गया है, ट्रांसफर पोस्टिंग के मसलों से राहत मिलेगी. वहीं, टैक्स से जुड़े मामलों की जांच और अपील दोनों ही फेसलैस होंगी. अब आयकर विभाग को टैक्सपेयर का सम्मान रखना जरूरी होगा. पीएम ने कहा कि टैक्सपेयर्स के योगदान से ही देश चलता है और उसे तरक्की का मौका मिलता है. उन्होंने कहा कि आज देश में रिफॉर्म लगातार किया जा रहा है, ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की रैंकिंग में देश आगे बढ़ा रहा है. कोरोना संकट में भी देश में रिकॉर्ड थ्क्प् का आना इसी का उदाहरण है. पीएम ने कहा कि देश के साथ छल करने वाले कुछ लोगों की पहचान के लिए बहुत लोगों को परेशानी से गुजरना पड़ा, ऐसे में साठगांठ की व्यवस्था बन गई. इसी चक्कर के कारण ब्लैक-व्हाइट का उद्योग बढ़ा.

पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें…

  • इस प्लेटफॉर्म में फेसलेस एसेसमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर जैसे बड़े रिफॉर्म्स हैं। फेसलेस एसेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर आज से लागू कर दिया गया है।
  • फेसलेस अपील की सुविधा 25 सितंबर यानि दीन दयाल उपाध्याय जी के जन्मदिन से पूरे देशभर में नागरिकों के लिए उपलब्ध हो जाएगी। अब टैक्स सिस्टम भले ही फेसलेस हो रहा है, लेकिन टैक्सपेयर को ये फेयरनेस और फेयरलेसनेस का विश्वास देने वाला है।
  • ईमानदार का सम्मान। देश का ईमानदार टैक्सपेयर राष्ट्रनिर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है। जब देश के ईमानदार टैक्सपेयर का जीवन आसान बनता है, वो आगे बढ़ता है, तो देश का भी विकास होता है, देश भी आगे बढ़ता है।
  • आज से शुरू हो रहीं नई व्यवस्थाएं, नई सुविधाएं, मिनिमम गवर्मेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को और मजबूत करती हैं। ये देशवासियों के जीवन से सरकार को, सरकार के दखल को कम करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
  • भारत के टैक्स सिस्टम में मौलिक और संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता इसलिए थी क्योंकि हमारा आज का ये सिस्टम गुलामी के कालखंड में बना और फिर धीरे धीरे विकसित हुआ। आजादी के बाद इसमें शामिल होने के लिए बहुत कुछ किया गया था, लेकिन सबसे अजीब प्रणाली का चरित्र यही रहा। आजादी के बाद इसमें यहां वहां थोड़े बहुत परिवर्तन किए गए, लेकिन बड़े तौर पर सिस्टम का ढांचा वही रहा।
  • प्रक्रियाओं की जटिलताओं के साथ-साथ देश में कर भी कम किया गया है। 5 लाख रुपए की आय पर अब टैक्स जीरो है। बाकी स्लैब में भी टैक्स कम हुआ है। कारपोरेट कर के मामले में हम दुनिया में सबसे कम कर लेने वाले देशों में से एक हैं।
  • टैक्स प्रणाली को निर्बाध, निर्जीव, फेसलेस करने पर जोर दिया गया है। निर्बाध, यानि की आयकर विभाग हर करदाता को उलझाने के बजाय समस्या सुलझाने के लिए काम करे। इसमें सभी नियम सरल होंगे।
  • टैक्सपेयर्स चार्टर भी देश की विकास यात्रा में बहुत बड़ा कदम है। अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। यानि आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर के गौरव का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा।
  • वर्ष 2012-13 में जितने टैक्स रिटर्न्स होते थे, उसमें से 0.94 फीसदी की स्क्रूटनी (जांच) होती थी। वर्ष 2018-19 में ये आंकड़ा घटकर 0.26 फीसदी पर आ गया है। यानि केस की स्क्रूटनी, करीब-करीब 4 गुना कम हुई है।
  • बीते 6-7 साल में इनकम टैक्स रिटर्न भरने वालों की संख्या में करीब ढाई करोड़ की वृद्धि हुई है। लेकिन ये भी सही है कि 130 करोड़ के देश में ये अभी भी बहुत कम है। इतने बड़े देश में सिर्फ डेढ़ करोड़ साथी ही इनकम टैक्स जमा करते हैं।