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बालिका आज… माँ कल -पद्मश्री डॉ.उषाकिरण खान ने कहा-भारतीय बालिकायें किसी से कम नहीं
नारी सम्मान तो हमारी भारतीय परंपरा का अंग है। हम यूँ ही नहीं कहते रहे हैं, मातृदेवो भव! माता प्रथम गुरू है, माता ही सर्वोपरि है। माता ही भोजन, वस्त्र और आवास देती है। गर्भ प्रत्येक जन का पहला आवास …