बिहार विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है. सत्र में विपक्षी सदस्यों ने कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरा. बिहार के मध्य निषेध एसपी रहे राकेश कुमार की तरफ से उत्पाद विभाग के कर्मियों की संपत्ति जांच को लेकर दिशा निर्देश जारी किए जाने के मामले में आज नीतीश सरकार सदन में घिर गई. विधानसभा में आरजेडी के विधायक ललित यादव ने मद्य निषेध एसपी के तरफ से दिए गए आदेश और उस को निरस्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय की तरफ से जारी किए गए आदेश को लेकर सवाल किया. इसके जवाब में सरकार की तरफ से प्रभारी मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि चूंकि मद्य निषेध एसपी ने किसी स्पेसिफिक मामले की जानकारी नहीं दी थी इसलिए इस आदेश को निरस्त किया गया.
बिहार की कार्यशैली पर घिरी सरकार
वहीं सदन में बिहार पुलिस की कार्यशैली को लेकर नीतीश सरकार विधानसभा में घिरती दिखी. विधानसभा के प्रश्नोत्तर काल में भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने गोपालगंज के भोरे थाना इलाके में एक आपराधिक घटना का जिक्र करते हुए सरकार से जानना चाहा कि अभियुक्तों की गिरफ्तारी अब तक क्यों नहीं हो पाई है. इस पर सरकार की तरफ से प्रभारी मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस कार्यवाही कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी हो जाएगी
मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं विपक्ष
प्रभारी मंत्री के जवाब से विपक्षी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने विधानसभा में आरोप लगाया कि पुलिस बाहुबली अपराधियों के सामने नतमस्तक है. पुलिस रसूख वाले अपराधियों के ऊपर कार्यवाही नहीं कर पा रही है, ना तो अपराधियों की कुर्की जब्ती हो रही है और ना ही दूसरी कार्यवाही सवाल करने पर जवाब यही मिलता है कि पुलिस ने छापेमारी कर रही है.
परिसर में भाकपा माले के विधायकों ने किया प्रदर्शन
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के पहले परिसर में भाकपा माले के विधायकों ने प्रदर्शन किया है. भाकपा माले के विधायकों ने विधान मंडल परिसर में प्रदर्शन करते हुए बिहार में मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मुहैया कराने की मांग की है.
माले विधायकों का आरोप है कि बिहार में मनरेगा योजना के तहत लूट हो रही है. 200 दिन काम की गारंटी और ₹500 प्रतिदिन भुगतान की मांग को लेकर भाकपा माले के विधायकों ने प्रदर्शन किया है
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