शिक्षा बजट के कार्यान्वयन पर वेबिनार में बोले प्रधानमंत्री मोदी, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए युवाओं में आत्मविश्वास जरूरी

शिक्षा के क्षेत्र में बजट के कार्यान्वयन पर वेबिनार का आयोजन किया गया, इस वेबिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित करते हुए कहा कि आज का ये मंथन ऐसे समय में हो रहा है जब देश, अपने Personal, Intellectual, Industrial Temperament और Talent को दिशा देने वाले पूरे Ecosystem को Transform करने की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इसे और गति देने के लिए आप सभी से बजट से पहले भी सुझाव लिए गए थे नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति के संबंध में भी देश के लाखों लोगों से विचार-विमर्श करने का सौभाग्‍य मिला था और अब इसके Implementation के लिए हम सभी को साथ मिलकर चलना है।

युवा को अपनी Education, अपनी knowledge, अपनी skill पर पूरा भरोसा

पीएम मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए देश के युवाओं में आत्मविश्वास उतना ही जरूरी है। आत्मविश्वास तभी आता है, जब युवा को अपनी Education, अपनी knowledge, अपनी skill पर पूरा भरोसा हो, विश्वास हो। आत्मविश्वास तभी आता है, जब उसको एहसास होता है कि उसकी पढ़ाई, उसे अपना काम करने का अवसर दे रही है और जरूरी Skill भी दे रही है।नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, इसी सोच के साथ बनाई गई है। प्री-नर्सरी से पीएचडी तक, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के हर प्रावधान को जल्द से जल्द ज़मीन पर उतारने के लिए अब हमें तेजी से काम करना है। कोरोना की वजह से अगर रफ्तार कुछ धीमी भी पड़ी थी, तो अब उसके प्रभाव से निकलकर हमें जरा गति बढ़ानी भी जरूरी है और आगे बढ़ना भी जरूरी है। इस वर्ष का बजट भी इस दिशा में बहुत मददगार सिद्ध होगा। इस वर्ष के बजट में health के बाद जो दूसरा सबसे बड़ा focus है, वो education, skill, research और innovation पर ही है। देश के यूनिवर्सिटी, कॉलेज और R&D Institutions में बेहतर Synergy, आज हमारे देश की सबसे बड़ी जरूरत बन गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए Glue Grant का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत अभी 9 शहरों में इसके लिए ज़रूरी mechanism तैयार किए जा सकें। Apprenticeship पर, Skill development और upgradation पर इस बजट में जो बल दिया गया है वो भी अभूतपूर्व है। इस बजट में इनको लेकर जितने भी प्रावधान किए गए हैं, Higher Education को लेकर देश की approach में एक बड़ा Shift आने वाले हैं। बीते वर्षों में Education को Employability और Entrepreneurial Capabilities से जोड़ने का जो प्रयास किया गया है, ये बजट उनको और विस्तार देता है।

इन्हीं प्रयोगों का परिणाम है कि आज scientific publications के मामले में भारत Top-3 देशों में आ चुका है। PhD करने वालों की संख्या और स्टार्ट अप इकोसिस्टम के मामले में भी हम दुनिया में Top-3 में पहुंच चुके हैं।

Global Innovation Index में भारत दुनिया की Top-50 Innovative Countries में शामिल हो चुका है और निरंतर सुधार कर रहा है। उच्च शिक्षा, रिसर्च और इनोवेशन को निरंतर प्रोत्साहन से हमारे students और young scientists के लिए नए अवसर बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं। और अच्छी बात ये भी है कि R&D में बेटियों की भागीदारी में एक अच्‍छी संतोषकारक वृद्धि देखने को मिल रही है।

स्टार्ट अप्स के लिए Hackathons की नई परंपरा

पहली बार देश के स्कूलों में Atal Tinkering Labs से लेकर उच्च संस्थानों में Atal Incubation Centers तक पर फोकस किया जा रहा है। देश में स्टार्ट अप्स के लिए Hackathons की नई परंपरा देश में बन चुकी है, जो देश के युवाओं और इंडस्ट्री, दोनों के लिए बहुत बड़ी ताकत बन रही है। National Initiative for Developing and Harnessing Innovation के माध्यम से ही साढ़े 3 हज़ार से ज्यादा Startup, nurture किए जा चुके हैं। इसी तरह, The National Super कमप्यूटिंग Mission के तहत, परम शिवाय, परम शक्ति और परम ब्रह्मा, नाम से तीन सुपर कंप्यूटर IIT BHU, IIT-Kharagpur और IISER, Pune में स्थापित किए जा चुके हैं। इस वर्ष देश के एक दर्जन से ज्यादा संस्थानों में ऐसे सुपर कंप्यूटर स्थापित करने की योजना है। IIT Kharagpur, IIT Delhi और BHU में तीन Sophisticated Analytical और Technical Help Institutes (SATHI) भी सेवा दे रहे हैं। इन सारे कार्यों के बारे में बात करना आज इसलिए जरूरी है क्योंकि ये सरकार के vision, सरकार की approach को दिखाता है। 21वीं सदी के भारत में 19वीं सदी की सोच को पीछे छोड़कर ही हमें आगे बढ़ना होगा।

विद्या सीमित रखने से नहीं बल्कि बांटने से बढ़ता

मोदी ने कहा कि व्यये कृते वर्धते एव नित्यं विद्याधनं सर्वधन प्रधानम् ॥ यानि विद्या ऐसा धन है, जो अपने पास तक सीमित रखने से नहीं बल्कि बांटने से बढ़ता है। इसलिए विद्याधन, विद्यादान श्रेष्ठ है। Knowledge को, research को, सीमित रखना देश के सामर्थ्य के साथ बहुत बड़ा अन्याय है। इसी सोच के साथ स्पेस हो, atomic energy हो, DRDO हो, agriculture हो, ऐसे अनेक sectors के दरवाज़े अपने प्रतिभाशाली युवाओं के लिए खोले जा रहे हैं। हाल में दो और बड़े कदम उठाए गए हैं, जिससे innovation, research और development के पूरे Ecosystem को बहुत लाभ होगा। देश को पहली बार Meteorology से जुड़े अतंर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरने वाले Indian Solutions मिल चुके हैं और ये सिस्टम लगातार मजबूत किया जा रहा है। इससे R&D और हमारे Products की Global Competency में बहुत सुधार आएगा। इसके अलावा हाल में Geo-spatial Data को लेकर भी बहुत बड़ा reform किया गया है। अब Space Data और इससे आधारित Space Technology को देश के युवाओं के लिए, देश के युवा Entrepreneurs के लिए, Startups के लिए खोल दिया गया है। मेरा आप सभी साथियों से आग्रह है कि इन रिफॉर्म्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करें, ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं।

Institution Making और Access पर और जोर

इस वर्ष के बजट में Institution Making और Access पर और जोर दिया गया है। देश में पहली बार National Research Foundation का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इससे research से जुड़े संस्थानों के Governance Structure से लेकर R&D, Academia और Industry की Linkage को बल मिलेगा। Biotechnology से जुड़ी रिसर्च के लिए बजट में 100 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाती है। भारत के फार्मा और वैक्सीन से जुड़े Researchers ने, भारत को सुरक्षा और सम्मान दोनों दिलवाया है। अपने इस सामर्थ्य को और सशक्त करने के लिए सरकार पहले ही 7 National Institutes of Pharmaceutical Education & Research, को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान घोषित कर चुकी है। इस सेक्टर में R&D को लेकर प्राइवेट सेक्टर की, हमारी इंडस्ट्री की भूमिका बहुत प्रशंसनीय है। मुझे विश्वास है कि इस भूमिका का आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा विस्तार होगा। अब Biotechnology के सामर्थ्य का दायरा देश की खाद्य सुरक्षा, देश के पोषण, देश की कृषि के हित में कैसे व्यापक हो, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों की आय बढ़ाने के लिए,

उनका जीवन बेहतर बनाने के लिए Biotechnology से जुड़ी रिसर्च में जो साथी लगे हैं, देश को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। मेरा इंडस्ट्री के तमाम साथियों से आग्रह है कि इसमें अपनी भागीदारी को बढ़ाएं। देश में 10 Biotech University Research Joint Industry Translational Cluster (URJIT) भी बनाए जा रहे हैं।ताकि इसमें होने वाले Inventions और Innovations का इंडस्ट्री तेज़ी से उपयोग कर सके। इसी तरह देश के 100 से ज्यादा Aspirational Districts में Biotech-किसान प्रोग्राम हो, Himalayan Bio-resource Mission Programme हो या फिर Consortium Programme on Marine Biotechnology Network, इसमें रिसर्च और इंडस्ट्री की भागीदारी बेहतर कैसे हो सकती है, इसके लिए हमें मिलकर काम करना है।

Energy में आत्मनिर्भरता के लिए बहुत ज़रूरी

Future Fuel, Green Energy, हमारी Energy में आत्मनिर्भरता के लिए बहुत ज़रूरी है। इसलिए बजट में घोषित Hydrogen Mission एक बहुत बड़ा संकल्प है। भारत ने Hydrogen Vehicle का Test कर लिया है। अब Hydrogen को ट्रांसपोर्ट के Fuel के रूप में उपयोगिता और इसके लिए खुद को Industry Ready बनाने के लिए अब हमें मिलकर आगे बढ़ना होगा। इसके अलावा समुद्री संपदा से जुड़ी रिसर्च में भी अपने सामर्थ्य को हमें बढ़ाना है। सरकार Deep Sea Mission लॉन्च भी करने वाली है। ये मिशन, Goal-oriented होगा और multi-sectoral approach पर आधारित होगा, ताकि Blue Economy के Potential को हम पूरी तरह से Unlock कर सकें। शिक्षण संस्थानों, रिसर्च से जुड़े संस्थानों और इंडस्ट्री के Collaboration को हमें अधिक मज़बूत करना है। हमें नए रिसर्च Paper Publish करने पर तो focus करना ही, दुनिया भर में जो Research Paper Publish होते हैं, उन तक भारत के Researchers की, भारत के Students की Access आसान कैसे हो, ये सुनिश्चित करना भी आज समय की मांग है। सरकार अपने स्तर पर इसको लेकर काम कर रही है, लेकिन इंडस्ट्री को भी इसमें अपनी तरफ से कंट्रीब्यूट करना होगा।

हमें ये याद रखना है Access और Inclusion ये अनिवार्य हो गया है। और Affordability, Access की एक बहुत बड़ी पूर्व शर्त होती है। एक और बात जिस पर हमें फोकस करना है वो है Global को Local के साथ Integrate कैसे करें। आज भारत के talent की पूरी दुनिया में बहुत demand है। इसके लिए ज़रूरी है कि Global Demand को देखते हुए Skill Sets की Mapping हो और उसके आधार पर देश में युवाओं को तैयार किया जाए। International Campuses को भारत में लाने की बात हो या फिर दूसरे देशों की Best Practices को Collaboration के साथ adopt करना हो, इसके लिए हमें कंधे से कंधा मिलाकर चलना होगा। देश के युवाओं को Industry Ready बनाने के साथ-साथ नई चुनौतियों, बदलती टेक्नॉलॉजी के साथ Skill Up gradation करने के प्रभावी मैकेनिज्म के बारे में भी एक संगठित प्रयास की ज़रूरत है। इस बजट में Ease of Doing Apprenticeship Program से भी इंडस्ट्री और देश के युवाओं को बहुत लाभ होने वाला है। मुझे विश्वास है कि इसमें भी इंडस्ट्री की भागीदारी में विस्तार होगा।

स्थानीय भाषा के ज्यादा से ज्यादा उपयोग के लिए प्रोत्साहन

Skill Development हो या फिर Research और Innovation, वो Comprehension यानि समझ के बिना संभव नहीं है। इसलिए नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से देश के Education System में ये सबसे बड़ा सुधार लाया जा रहा है। इस वेबिनार में बैठे तमाम एक्सपर्ट, तमाम शिक्षाविदों से बेहतर ये कौन जानता है कि विषय की समझ में भाषा का एक बहुत बड़ा योगदान होता है। नई National Education Policy में स्थानीय भाषा के ज्यादा से ज्यादा उपयोग के लिए प्रोत्साहन दिया गया है। अब ये सभी शिक्षाविदों का, हर भाषा के जानकारों का दायित्व है कि देश और दुनिया का Best Content भारतीय भाषाओं में कैसे तैयार हो। टेक्नॉलॉजी के इस युग में ये पूरी तरह से संभव है। प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक भारतीय भाषाओं में एक बेहतरीन Content देश के युवाओं को मिले, ये हमें सुनिश्चित करना है। Medical हो, Engineering हो, Technology हो, Management हो, ऐसी हर Expertise के लिए भारतीय भाषाओं में Content का निर्माण करना ज़रूरी है।

हमारे देश में talent की कमी नहीं

पीएम मोदी ने कहा कि मैं आपसे जरूर आग्रह करूंगा कि हमारे देश में talent की कमी नहीं है। गांव हो, गरीब हो, जिसको अपनी भाषा के सिवाय और कुछ नहीं आता है उसकी talent कम नहीं होती है। भाषा के कारण हमारे गांव की, हमारे गरीब की talent को हमें मरने नहीं देना चाहिए। देश में देश की विकास यात्रा से उसको वंचित नहीं रखना चाहिए। भारत की talent गांव में भी हैं, भारत की talent गरीब के घर में भी है, भारत की talent किसी एक किसी एक कोई बड़ी भाषा से वंचित रह गए हमारे देश के बच्‍चों में भी है और इसलिए उस talent का उपयोग इतने बड़े देश के लिए जोड़ना बहुत जरूरी है। इसलिए भाषा के barrier से बाहर निकल करके हमें उसकी भाषा में उसकी talent को फलने-फूलने के लिए अवसर देना, ये Mission Mode में करने की जरूरत है। बजट में घोषित National Language Translation Mission से इसके लिए बहुत प्रोत्साहन मिलेगा। ये जितने भी प्रावधान हैं, ये जितने भी Reforms हैं, ये सबकी भागीदारी से ही पूरे होंगे। सरकार हो, शिक्षाविद हों, एक्सपर्ट्स हों, इंडस्ट्री हो, Collaborative Approach से Higher Education के सेक्टर को आगे कैसे बढ़ाएं, इस पर आज की चर्चा में आपके सुझाव बहुत मूल्‍यवान रहेंगे, बहुत काम आएंगे। मुझे बताया गया है कि अगले कुछ घंटों में इससे जुड़ी 6 थीम्स पर यहां विस्तार से चर्चा होगी।

सुझावों और समाधानों से देश को बहुत उम्मीदें

यहां से निकलने वाले सुझावों और समाधानों से देश को बहुत उम्मीदें हैं। और मैं आपसे ये आग्रह करूंगा कि अब नीति में ये बदलाव होना चाहिए या बजट में ये बदलाव होना चाहिए, वो समय पूरा हो चुका है। अब तो next 365 days, एक तारीख से ही नया बजट, नई स्‍कीम तेज गति से कैसे लागू हो जाए, ज्‍यादा से ज्‍यादा हिन्‍दुस्‍तान के भू-भाग पर वो कैसे पहुंचे, आखिरी व्‍यक्ति तक जहां पहुंचाना है वहां कैसे पहुंचे, Roadmap कैसा हो, decision making कैसा हो। जो छोटे-मोटे hurdles होते हैं implementation में उससे मुक्ति कैसे हो; इन सारी बातों पर जितना ज्‍यादा focus होगा उतना ज्‍यादा लाभ एक अप्रैल से ही नया बजट लागू करने में होगा। हमारे पास जितना समय है, maximum उपयोग करने का इरादा है।

मुझे विश्‍वास है कि आपके पास अनुभव है, भिन्‍न-भिन्‍न क्षेत्रों का अनुभव है। आपके विचार, आपके अनुभव और कुछ न कुछ जिम्‍मेदारी लेने की तैयारी, हमें इच्छित परिणाम जरूर देंगे। मैं आप सबको इस वेबिनार के लिए, उत्‍तम विचारों के लिए, बहुत ही Perfect Roadmap के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।