पटना डीएम ने गायघाट स्थित बाल पर्यवेक्षण गृह, उत्तर रक्षा गृह एवं बालिका गृह निशांत का किया निरीक्षण, खानपान ,साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने का सख्त निर्देश

पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने गायघाट स्थित बाल पर्यवेक्षण गृह, उत्तर रक्षा गृह एवं बालिका गृह निशांत का निरीक्षण किया। उन्होंने सरकारी दिशानिर्देश के अनुरूप बालक /बालिका की सुरक्षा, सुविधा , संरक्षण एवं उनके शैक्षणिक, सांस्कृतिक, खेलकूद गतिविधियों की व्यवस्था का जायजा अधीक्षक से प्राप्त किया तथा इस संबंध में आवासित बच्चों बच्चियों से भी फीडबैक प्राप्त किया । उन्होंने होम जैसे संवेदनशील स्थल पर आने जाने वाले लोगों पर विशेष नजर रखने, सुरक्षा मानक का ध्यान रखने तथा उनके शैक्षणिक/ सांस्कृतिक और चिकित्सीय व्यवस्था सहित खानपान ,साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने का सख्त निर्देश दिया । उन्होंने बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश वर्जित रखने तथा पूरा एहतियाती सुरक्षात्मक उपाय रखने को कहा। साथ ही होम में कोविड मानक के तहत मास्क और ।सैनिटाइजर प्रयोग कराने तथा 2 गज की सामाजिक दूरी का पालन कराने को कहा।

शिक्षक एवं कंप्यूटर उपलब्ध कराने का निर्देश

बाल पर्यवेक्षण गृह में अधीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि 107 किशोर आवासित हैं तथा विशेष बाल सुधार गृह में 8 बच्चे हैं। यहां 3 डॉक्टर ,एक फिजियोथेरेपिस्ट तथा एक नर्स कार्यरत है जिनके द्वारा रोस्टर के अनुसार बच्चों की स्वास्थ्य जांच नियमित रूप से की जाती है। इस अवसर पर उन्हें अवगत कराया गया कि बच्चों द्वारा गीत संगीत ,डांस एवं चित्रकारिता की जाती है जिलाधिकारी ने बच्चों की चित्रकारी एवं नृत्य का भी अवलोकन किया। जिलाधिकारी ने अत्यंत सराहनीय बताया। बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक विद्यालय पर्यवेक्षण गृह गायघाट संचालित है जिसमें एक अतिरिक्त शिक्षक एवं कंप्यूटर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया । उन्होंने किशोर न्याय बोर्ड के कार्यालय में भी जाकर प्रधान दंडाधिकारी श्री मनोरंजन झा सदस्य श्रीमती शशि शर्मा एवं श्री नवाज उल हक के साथ विमर्श किया तथा आवश्यक सुधारात्मक पहलू पर विचार विमर्श किया।

 

एक महिला डॉक्टर की तैनाती करने का अनुरोध

जिलाधिकारी ने राजकीय उत्तर रक्षा गृह के अधीक्षक से बालिका के लिए संचालित गतिविधियों, सुविधाओं ,बांछित जरूरतों की जानकारी प्राप्त की। अवगत कराया गया कि होम में कुल 270 बालिका /महिला हैं। अवगत कराया गया कि होम में उनके खान पान ,रहन सहन ,शिक्षण कार्य ,चिकित्सा व्यवस्था सहित अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाता है। उन्होंने गृह में आवासित बालिका से भी आवश्यक सुझाव, शिकायत, समस्या एवं जरूरत संबंधी पूछताछ की। सभी बालिका ने होम द्वारा संचालित कार्यों एवं प्रदत्त सुविधाओं के प्रति संतोष प्रकट किया गया।यहां 18 वर्ष से अधिक के विधि विवादित बालिका एवं 18 वर्ष से कम उम्र की भूली भटकी बच्चियां रहती हैं। अधीक्षिका श्रीमती वंदना गुप्ता द्वारा बताया गया कि यहां 270 बालिका/महिलाएं आवासित हैं। यहां 5 शिक्षक कार्यरत हैं जिनके द्वारा बालिकाओं का शिक्षण कार्य किए जाते हैं। उनके द्वारा एक महिला डॉक्टर की तैनाती करने का अनुरोध किया गया।

बच्चियों के लिए बनाए गए भोजन की गुणवत्ता की भी जांच

उसके बाद जिलाधिकारी ने गायघाट स्थित बालिका गृह निशांत का निरीक्षण किया गया जिसमें 56 बच्चियां रह रही हैं। उन्होंने होम में बच्चियों के लिए बनाए गए भोजन की गुणवत्ता की भी जांच की तथा सही पाया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने बच्चियों से होम की साफ- सफाई, भोजन की गुणवत्ता एवं टाइमिंग, साफ सफाई, चिकित्सा व्यवस्था, पढ़ाई, सहित कई अन्य बिंदुओं पर पूछताछ की। बच्चियों ने काफी संतोष प्रकट की।