बिहार में कोरोना त्रासदी के बीच बक्सर जिले में गंगा घाटों पर लाशों के मिलने का मामला तूल पकड़ता नज़र आ रहा है। गंगा घाटों पर लाशों के मिलने के मामले में अब पटना हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप किया है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कल तक इसका जवाब तलब किया है। हालांकि पटना हाईकोर्ट में कोरोना महामारी के मामले पर सुनवाई का दौर जारी है। बतादें कि इसी क्रम में चीफ जस्टिस संजय करोल की पीठ ने मामले में सुनवाई करते हुए बक्सर के पास गंगा नदी में पाए गए शवों के संबंध में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
नीतीश कुमार सरकार ने कोर्ट को बताया है कि उसने एक बारह सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी कोविड प्रबंधन के लिए राज्य सरकार को विशेष राय और परामर्श देगी। एम्स के अधिवक्ता विनय कुमार पांडे ने कोर्ट को बताया कि पीएचसी और रेफरल अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था करना आवश्यक है। ऑक्सीजन के अभाव में मरीज पटना और अन्य शहरों में भाग रहे हैं।
हालांकि राज्य सरकार ने कोर्ट में एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। इसमेंसरकार ने कोरोना संक्रमण को रोकने के साथ मरीजों के इलाज के लिए की जा रही कार्रवाई का लेखा जोखा दिया है। वहीं केंद्र सरकार ने राज्य को और ऑक्सीजन मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। बतादें कि कल भी इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी।
गौरतलब है कि दो दिन पहले बक्सर जिले में गंगा नदी के किनारे एक साथ कई लाशों के मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया था। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सभी शव कोरोना संक्रमित मरीजों के हैं। फ़िलहाल सरकार ने मंगलवार को कहा कि बक्सर जिले में गंगा से अबतक कुल 71 शव निकाले गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इन शवों का अंतिम संस्कार न करके उन्हें गंगा में प्रवाहित कर दिया गया होगा।
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