नीतीश कुमार का बड़ा फैसला: अब राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में न्यूनतम 33 फीसदी सीटें छात्राओं के लिए होंगी आरक्षित

बिहार सरकार एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला सशक्तिकरण याेजना के तहत महिलाओं को शिक्षित बनाने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है। नीतीश कुमार के प्रयासों से राज्य में बेटियों में शिक्षा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है। साथही समाज भी लड़कियों की शिक्षा को लेकर जागरूक हुआ है, उन्हें आगे पढ़ाने की प्रवृति बढ़ी है।

दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लड़कियों की तकनीकी शिक्षा को लेकर बड़ा निर्णय लेने जा रहे हैं। अब राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों के नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई यानि 33 फीसदी सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित की जाएगी। फिलहाल अभियंत्रिकी विश्वविद्यालय तथा चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित करने को लेकर सरकार विधेयक लाने की तैयारी कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभियंत्रण विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा विश्वविद्यालय स्थापित होने से इंजीनियरिंग कॉलेजों एवं मेडिकल कॉलेजों का बेहतर ढंग से प्रबंधन किया जा सकेगा। इसके साथ ही कॉलेजों में अध्यापन कार्य बेहतर तरीके से नियंत्रित किए जा सकेंगे।

सीएम नीतीश ने कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों में नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित की जाएं। मतलब अब 33% सीट छात्राओं के लिए आरक्षित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे छात्राओं की संख्या और बढ़ेगी। यह यूनिक चीज होने के साथ इससे छात्राएं उच्च और तकनीकी शिक्षा की ओर ज्यादा प्रेरित होंगी।

नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। वहीं कई मेडिकल कॉलेज भी खोले गए हैं सरकार का उद्देश्य है कि इंजीनियरिंग एवं मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए बिहार के बच्चे एवं बच्चियां बाहर नहीं जाएं।

दरअसल, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग ने बुधवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने प्रेजेंटेशन दिया। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘द बिहार इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी एक्ट-2021’ तथा ‘पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रॉविजन’ के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से ‘बिहार यूनिवर्सिटी आॅफ हेल्थ साइसेंज’ तथा पावर एंड फंक्शन ऑफ यूनिवर्सिटिज, जुरिडिक्शन एवं अन्य प्रोविजन के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।