इलेक्ट्रिकल इंजीनियर से सोशल इंजीनियर के प्रोफेसर बने सीएम नीतीश सूबे में 2005 से अब तक संसथानों के बढ़ते आकड़ो को बता, एक नए तकनीकी विकास युग की आधारशिला रखने के फ़िराक में

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोई छात्र सोशल इंजीनिरिंग का प्रोफेसर यूं ही नहीं बन जाता है। अगर उसे सोशल इंजीनियर का प्रोफेसर बनना है तो उसे नीतीश कुमार बनना होगा। ये हम ऐसे ही नहीं कह रहे हैं, बल्कि ये नीतीश कुमार का व्यक्तित्व कह रहा है, जो सत्ता के शिखर पर पहुंचता है, वो भी तपती हुई सियासी धरती पर चल कर। आजकल नीतीश सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार संवाद कर रहे है। बुधवार शाम नीतीश कुमार ने एक के बाद एक लगातार तीन ट्वीट करते हुए बिहार में अभियंत्रण महाविद्यालय एवं तकनीकी शिक्षा का ज़िक्र करते हुए कहा कि सन् 1954 से 2005 तक राज्य में कुल 3 अभियंत्रण महाविद्यालय और 13 सरकारी पाॅलिटेक्निक संस्थान थे, जिनकी प्रवेश क्षमता क्रमश: लगभग 800 एवं 3840 थी।

दरअसल, नीतीश  राज के 15 साल में बिहार में खूब विकास हुआ है, लेकिन इससे विकास की स्थिति में व्यापक बदलाव हुए इसी पर आधारित उनका अगला ट्वीट रहा इसमें उन्होंने कहा कि देश के पुराने अभियंत्रण महाविद्यालयों में से एक बिहार काॅलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पटना को केन्द्र में रहते हुए वर्ष 2004 में NIT(National Institute of Technology) में परिवर्तित कराया।

बतादें कि 2005 में विकास के मानकों पर बिहार की स्थिति जो थी कमोबेश उसमें काफी बदलाव आया है। गौरतलब है कि नीतीश कुमार ने अपने शासन काल में  शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम हुआ, लेकिन फिर भी विपक्ष दावे करता रहा है कि वे राज्य के बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए। सीएम नीतीश अपने अगले ट्वीट में बताते हैं कि पिछले 15 साल में 38 अभियंत्रण महाविद्यालयों तथा 31 पाॅलिटेक्निक संस्थानों की स्थापना की गयी है, जिनकी प्रवेश क्षमता क्रमश: 9975 और 11,332 है। अब राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम एक अभियंत्रण संस्थान स्थापित है। उच्च तकनीकी शिक्षा में विकास का प्रयास जारी रहेगा।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियर से सोशल इंजीनियर के प्रोफेसर बने नीतीश

दरअसल, नीतीश कुमार का नाम देश की सियासत और बिहार की जनता के लिए काफी है, जो अपनी साफ-सुथरी छवि, अपनी राजनीति और अपनी दूरदर्शिता के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। नीतीश पेशे से बनने तो निकले थे इंजीनियर लेकिन राजनीतिक झुकाव ने उन्हें बना दिया सोशल इंजीनियरिंग (Social Engineering) का प्रोफेसर। नीतीश कुमार ने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बी.टेक (इलेक्ट्रिकल) की पढ़ाई की है। इस दौरान वो इंजीनियर बाबू के नाम से भी जाने जाते थे। हालांकि अब  इस संस्थान को NIT पटना के नाम से जाना जाता है। पटना को केन्द्र में रहते हुए वर्ष 2004 में NIT(National Institute of Technology) में परिवर्तित कराया।