बिहार के बक्सर में पदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं…आधी रात को किसानों के घरों में घुसकर उन्हें बुरी तरह पीटा गया… जिसके बाद आज किसानों का गुस्सा फूट गया…

पुलिस को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों ने जमकर प्रदर्शन किया और बसों में आग लगा दी। पुलिस की गाड़ियां भी फूंक डालीं।

इस बीच जब बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से इस घटना के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि  टेक्निकल मेटर है। मेरे संज्ञान में नहीं है मामला।

इस दौरान जातिगत जनगणना पर बात करते हुए तेजस्वी ने कहा कि यह जातिगत जनगणना नहीं बल्कि जाति आधारित सर्वेक्षण है। यह लोगों की वित्तीय स्थिति के बारे में डेटा देगा। अगर यह गलत है तो हर तरह की गिनती गलत है चाहे वह हिंदू, मुस्लिम, एससी, एसटी को लेकर हो या जानवरों को लेकर। इसे विधानसभा में भाजपा सहित सभी दलों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया है।

जाने क्या है पूरा मामला?

बक्सर जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा देखने को मिला। यहां रात 12 बजे घर में सो रहे किसानों पर पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठी बरसाई। इसका वीडियो किसानों के परिजनों ने साझा करके पूछा कि अपराधियों के सामने घुटने टेक देने वाली पुलिस ने आखिर हमें इतनी बर्बरता से क्यों मारा? पुलिस की कार्रवाई से किसान उग्र हो गए और उन्होंने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी।

दरअसल, चौसा में एसजेवीएन के द्वारा पावर प्लांट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था। किसानों को 2010-11 के सर्किल रेट के अनुसार मुआवजा मिला। कंपनी ने 2022 में जमीन अधिग्रहण करने की कार्रवाई शुरू की तो किसान अब वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन के मुआवजा मांग रहे हैं।

किसानों का आरोप है कि कम्पनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण कर रही है। इसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे है। इस पर पुलिस ने रात्रि घर में घुसकर महिलाओं-पुरुषों के साथ ही बच्चों पर बर्बरतापूर्वक लाठी बरसाईं। इससे किसान नाराज हो गए और पुलिस से उनकी हिंसक झड़प हो गई, जिसमें कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।

क्यो अपने वादे से पलट गई कंपनी…

चौसा में थर्मल पावर प्लांट लगाने से पहले जिले के किसानों से कंपनी ने वादा किया था कि वह अपने सीएसआर फंड से यहां स्कूल, होटल और रोजी रोजगार के अवसर मुहैया कराएंगे, चारों तरफ खुशहाली होगी, नौकरी में स्थानीय लोगों को वरीयता दी जाएगी। लेकिन जैसे ही किसानों ने एग्रीमेंट पर सिग्नेचर कर दिया, उसके बाद कम्पनी अपने वादे से पलट गई।

सीसीटीवी ने पुलिसवालो को किया बेनकाब…

जिले के बड़े पुलिस अधिकारी से लेकर थानेदार तक किसानों पर ही हमला करने का आरोप लगाकर पिटाई करने की बात कह रहे हैं, लेकिन एक सीसीटीवी फुटेज ने पुलिस के चेहरे को बेनकाब कर दिया है। इसमें साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिस किसान के घर के बाहर पहले से खड़ी है और दरवाजा बंद है। पुलिस को इस बात की भनक तक नहीं थी कि ग्रामीण इलाके के किसान भी अपने यहां सीसीटीवी लगाए होंगे।