बक्सर के चौसा में किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। यहां एसजेवीएन के द्वारा बनाये जा रहे पावर प्लांट में फिलहाल काम ठप्प है और लोग भी सहमे हैं। दरअसल जमीन अधिग्रहण मामले के बाद किसानों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन दो महीने से चल रहा था लेकिन जब एसजेवीएन कंपनी ने पानी पाइप लाइन और रेल कॉरिडोर के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शुरू किया तो किसानों ने आज के दर से उचित मुआवजे की मांग की। एसजेवीएन के द्वारा जोर जबर्दस्ती करके एक दो दिनों तक काम किया गया लेकिन किसान अपनी मांगों पर उड़ गए और फिक देखते ही देखते आंदोलन हिंसक हो गया।
तब मंजर कुछ और रहा जब मंगलवार के दिन किसान आर-पार की लड़ाई के मूड में थे। उस दिन किसानों ने जमकर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान दर्जनों गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया जिससे जान माल दोनों की क्षति हुई। बक्सर का चौसा पूरी तरह से बेकाबू रहा और प्रशासन को वहां कैंप तक करना पड़ा। किसानों के आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन से फिलहाल चौसा के बनारपुर गांव के पास बन रहे पावर प्लांट में काम बंद है। घटना के बाद से सभी मजदूर काम छोड़ कर के वापस अपने घर चले गए हैं। एसजेवीएन कंपनी के सीईओ मनोज कुमार ने बताया कि किसानों के इस आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन में जो नुकसान हुआ है वह लगभग 25 करोड़ रुपये का है और अब प्लांट समय पर शुरू नहीं हो पाएगा।
पुलिस ने इस घटना के बाद कार्रवाई करते हुए सैकड़ों लोगों के ऊपर एफआईआर दर्ज किया है। घटना के बाद चौसा के बनारपुर गांव में लगातार विपक्षी दलों के नेता आ रहे हैं। घटना के बाद पॉलिटिकल हब बने चौसा के बनारपुर गांव में शुक्रवार को जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी किसानों से मिलने पहुंचे। इस दौरान सभी ने पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की निंदा की और घटना से आहत हुए परिवार के सदस्यों से भी मिले और सांत्वना दी।
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