राज्य में पुलिसकर्मियों की बहाली को लकेर सीएम नीतीश कुमार लगातार एक्शन मोड में नजर आते हैं। वो हर बार यह बोलते हुए दिख जाते हैं कि, बिहार में पुलिस वालों की संख्या में बढ़ोतरी की जाए। इसके बाद अब इस मामले में राज्य के पुलिस महकमों में स्वीकृत पदों पर बहाली प्रक्रिया में तेजी लाने की कवायद शुरू हो गयी है।
दरअसल,बिहार पुलिस दिवस पर मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद गृह विभाग ने विशेष बैठक कर पुलिस मुख्यालय से एक हफ्ते के भीतर स्वीकृत पदों के विरुद्ध रोस्टर क्लियरेंस का प्रस्ताव मांगा है। इसके साथ ही 31 मार्च तक रोस्टर क्लियरेंस के साथ बहाली के लिए आरक्षी चयन पर्षद को उपलब्ध कराने का निर्देश भी दिया गया है।
मालुम हो कि, राज्य के अंदर पुलिस महकमे में डायल 112 की इआरएसएस परियोजना के तहत फेज वन में 7808 पद, फेज टू में 19288 पद के अलावा सीधी नियुक्ति के तहत 48477 पदों पर नियुक्ति की जानी है। इन पदों की कुल संख्या 75573 है। विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नवनियुक्त पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग के लिए प्रशिक्षण संस्थानों की क्षमता बढ़ायी जायेगी।
गृह विभाग ने डायल 112 के इआरएसएस परियोजना को दूसरे चरण में राज्य के शेष जिलों में प्रारंभ करने के लिए एक हफ्ते में पुलिस मुख्यालय से प्रस्ताव मांगा है। मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण के उद्घाटन के दौरान ही इस परियोजना को राज्य के सभी जिलों में प्रारंभ करने का निर्देश दिया था, लेकिन इस दिशा में अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकी। इसके साथ ही गश्ती के लिए पुलिस थानों को उपलब्ध कराये गये दो-दो वाहन की मॉनिटरिंग के लिए पुलिस मुख्यालय को एक सिस्टम डेवलप करने का निर्देश दिया गया है। बैठक में गृह विभाग सहित पुलिस मुख्यालय के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
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