बिहारीगंज-कुर्सेला रेल परियोजना के शिलान्यास के बाद भी शुरु नहीं हुआ काम, कोसी और सीमांचल के लोगों को हो रही परेशानी

कटिहार जिला के कुरसेला-बिहारीगंज के बीच महत्वाकांक्षी रेल परियोजना की आस दो दशक बाद भी पूरी नहीं हो पाई है। इससे कोसी और सीमांचल के लोगों को आज भी काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. इस परियोजना के सर्वे और शिलान्यास के बाद भी काम शुरू नहीं हो पाया है। कुर्सेला और बिहारीगंज के बीच करीब 58.35 किमी लंबी रेल लाईन इस परियोजना के तहत बिछाई जानी है। कोसी और सीमांचल के बीच रेल कनेक्टिवटी बढऩे से स्थानीय किसानों और व्यापारियों के लिए भी ही उपयोबी साबित होगी।

फंड के अभाव में लटका रेल परियोजना

कुर्सेला, रूपौली, धमदाहा एवं टीकापट्टी का सीधा रेल संपर्क मधेपुरा जिले के बिहारीगंज से होगा। भूमि अधिग्रहण और फंड के अभाव की पेंच में यह महत्वपूर्ण रेल परियोजना अधर में लटका हुआ है। तत्कालीन रेलमंत्री रामविलास पासवान के कार्यकाल में वर्ष 1998 में इस रेल परियोजना को लेकर भूमि सर्वे कराया गया था। 1999 में इसकी आधारशिला भी रखी गई थी। तत्कालीन रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में वर्ष 2008-09 में इस रेल परियोजना को महत्वपूर्ण मानते हुए बजट भी पारित किया था। परियोजना पर काम पूरा करने के लिए अनुमानित लागत 192.56 करोड़ स्वीकृत भी की गई थी। वही परियोजना पर काम शुरू करने के लिए 42.99 करोड़ की का आवंटन भी किया गया था। लेकिन इसके बाद भी यह परियोजना फाइलों में ही अटकी रह गई।