बिहार में धान अधिप्राप्ति की तारीख बढ़ाने की विपक्ष की मांग को सरकार ने किया खारिज, फर्जी डिग्री पर बहाल शिक्षकों की नहीं होगी नियुक्ति, विधानसभा से विपक्ष का वॉकआउट

बिहार में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य पूरा नहीं होने का मामला विधानसभा में फिर उठा. आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह समेत अन्य सदस्यों ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से कैमूर जिले में धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं किए जाने का मामला उठाते हुए सरकार से धान खरीद की तारीख बढ़ाने की मांग रखी.

21 फरवरी तक की समय सीमा तय थी

इसके जवाब में सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य सरकार लगातार धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य हासिल करने के लिए 21 फरवरी तक की समय सीमा तय की थी. मंत्री ने कहा कि 21 फरवरी के बाद किसानों के पास धान नहीं बच जाता इसलिए सरकार ने बहुत सोच समझकर यह फैसला किया था.

सहकारिता मंत्री के जवाब के बाद विपक्ष का वाकआउट

तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में किसानों को ठगने का काम किया जा रहा है. बिहार में किसानों से एमएसपी पर धान नहीं खरीदा जा रहा है.  किसान भुखमरी और आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. बिहार में धान खरीद की तारीख बढ़ाई जानी चाहिए थी ,लेकिन अब सरकार इस से भाग रही है. इसके जवाब में सहकारिता मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि अब सरकार के द्वारा धान की खरीद नहीं की जाएगी, तो इसके बाद विपक्ष विधानसभा से वॉकआउट कर गए.

अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए नीतीश को छोड़नी चाहिए कुर्सी

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनते हुए यह कुर्सी छोड़ देनी चाहिए. बिहार में क्षमता के मुताबिक ही धान की खरीद नहीं हो पाई है. सरकार ने ध्यानाकर्षण के जवाब में सदन के अंदर जो बातें कही हैं उससे पता चलता है कि बिहार के किसानों के साथ कैसे धोखाधड़ी की गई है.

किसी भी कीमत पर उनकी सेवा बहाल नहीं

वहीं प्रश्नकाल में विपक्ष के कई सदस्यों ने आरोप लगाया है कि सरकार पटना में धरने पर बैठे ऐसे नियोजित शिक्षकों से बातचीत नहीं कर रही है जिन की सेवा समाप्त कर दी गई है. इसके जवाब में सरकार की ओर से शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि जिन नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्र गलत पाए गए और जांच में सब कुछ स्पष्ट हो गया उनकी सेवा समाप्त की गई है और किसी भी कीमत पर उनकी सेवा बहाल नहीं की जाएगी. विजय कुमार चौधरी ने कहा कि फर्जी प्रमाण पत्र की जांच को लेकर विभाग लगातार काम कर रहा है और इसके लिए अब नियोजित शिक्षकों को वेब पोर्टल पर अपना सर्टिफिकेट भी अपलोड करना है

मैथिली भाषा की पढ़ाई जल्द शुरू करने की मांग

वहीं ध्यानाकर्षण के जरिए बीजेपी विधायक संजय सरावगी समेत अन्य विधायकों ने सरकार से यह मांग की कि मिथिलांचल के इलाके में मैथिली भाषा की पढ़ाई जल्द शुरू की जाएगी. संजय सरावगी ने कहा कि संविधान की अनुसूची में मैथिली भाषा शामिल नहीं थी, उस वक्त मिथिलांचल में मैथिली की पढ़ाई होती थी लेकिन अब जब अष्टम अनुसूची में मैथिली शामिल है, उसके बावजूद राज्य में मैथिली की पढ़ाई नहीं हो रही है

मैथिली भाषा के विकास के लिए राज्य सरकार संकल्पित

शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मैथिली भाषा के विकास के लिए राज्य सरकार संकल्पित है. हम लगातार व्याख्याताओं की नियुक्ति मैथिली भाषा के लिए भी कर रहे हैं. मैथिली अकादमी के द्वारा पुस्तकें भी प्रकाशित की जा रही हैं. मैथिली पांडुलिपियों को संरक्षित करने का काम भी किया गया है.