नवरात्रि और रमजान में कोरोना वैक्सीन लेने से व्रत और रोज़ा नहीं होगा खंडित,बिहार के धर्मगुरुओं ने कोरोना महामारी से मुकाबला करने के लिए लिया सर्वधर्म संकल्प

बिहार भर से लगभग 300 धर्म और अध्यात्म गुरुओं ने यूनिसेफ, डब्लूएचओ और सोशल मोबिलाइजेशन नेटवर्क (एसएमनेट) टीम के साथ मिलकर कोविड-19 महामारी से मुकाबला करने के लिए सर्वधर्म संकल्प लिया। बिहार इंटर-फेथ फोरम फॉर चिल्ड्रन (BIFC) के तत्वावधान में, यूनिसेफ (UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आयोजित ऑनलाइन संगोष्ठी में पटना और जिलों से जुड़े धर्मगुरुओं और धर्म-संगठनो के प्रतिनिधिओं के साथ कोविड -19 संक्रमण और टीकाकरण पर विस्तार से चर्चा हुई।

 

धर्मगुरुओं में मुख्य वक्ताओं में शामिल थे – प्रोफ़ेसर सईद शाह शामीमउद्दीन अहमद मुनेमिआ; ब्रह्मा कुमारी संगीता, बी.के. ज्योती, मौलाना अनिसुर रेहमान क़ासमी, डॉ. अशोक कुमार; विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से डॉ. सुब्रमण्य, क्षेत्रीय टीम लीडर और यूनिसेफ से शिवेन्द्र पाण्डेय, डॉ. सिद्धार्थ रेड्डी, श्री निर्भय मिश्रा, सुश्री. निपुण गुप्ता।

वैक्सीन लेने में संकोच न करें

प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय पटना से बी. के. ज्योति ने कहा कि, “मैंने भी कोविड वैक्सीन लगवाई है, थोड़ा बुखार आया, डरने की कोई बात नहीं हैं वैक्सीन लेने में संकोच न करें।“ WHO और यूनिसेफ के अधिकारीयों ने भी वैक्सीन ली है और सभी ठीक हैं।

लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करेंगे

आल इंडिया मिल्ली काउंसिल के मौलाना अनीसुर रहमान क़ासमी ने कहा कि, “टीकाकरण के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं| इससे कैसे बचा जा सकता है | उसका उपाय तथा जानकारी समाज में प्रसारित करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। हम उस जानकारी को समुदाय में प्रसारित करेंगे तथा लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करेंगे।

कोविड -19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए धर्मगुरुओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका

श्री शिवेन्द्र पाण्डेय, कार्यक्रम प्रबंधक, यूनीसेफ, बिहार ने कहा कि, “इस बार कोविड-19 आकर्मक रूप से फ़ैल रहा है; विशेष रूप से बच्चों और युवाओं में कोविड मामलों की वृद्धि हो रही है। कोई भी एक व्यक्ति या संस्था वायरस के प्रसार को रोक नहीं सकती है| कोविड -19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए धर्मगुरुओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है।

डॉ. सिद्धार्थ रेड्डी, स्वास्थ्य अधिकारी, यूनिसेफ, बिहार ने एक विस्तृत प्रस्तुति में एक स्टडी का हवाला देते हुए कहा कि “एक कोविड -19 संक्रमित व्यक्ति जो सुरक्षित व्यवहारों का पालन नहीं करता है (जैसे की दो गज़ की दूरी, बनाए रखना, मास्क सही तरह से पहनना और साबुन से हाथ हाथ धोना), वह व्यक्ति संभावित रूप से 30 दिनों में 400 लोगों को संक्रमित कर सकता है। यदि कोई सभी सावधानियों का पालन करता है, तो संक्रमण की संभावना 75 % तक कम हो सकती है.”

कोविड -19 वैक्सीन से डरने की कोई बात नहीं

डॉ. सुब्रमण्य, क्षेत्रीय टीम लीडर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), बिहार ने एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण में सभी की शंकाओं का समाधान किया और टीकाकरण के बाद प्रतिकूल घटनाओं (AEFI) के बारे में बात करते हुए कहा कि, “कोविड -19 वैक्सीन से डरने की कोई बात नहीं है। यह आपके शरीर की सुरक्षा प्रणाली को एक चोर का चेहरा दिखाने जैसा है। यह ताकत पैदा करता है और वायरस से लड़ने के लिए आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को सचेत करता है।

रमज़ान के दौरान वैक्सीन लेने के लिए एक फतवा भी जारी

सुश्री निपुण गुप्ता, संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ, बिहार ने कहा – कोविड महामारी के साथ भय-भ्रान्ति- की महामारी भी फ़ैल रही है। बहुत लोग उपवास, रोज़ा के दौरान दवा या वैक्सीन लेने से परहेज़ करतें हैं। डॉ. सुब्रमण्य ने कहा कि टीका रमजान, नवरात्रि या किसी भी प्रकार के धार्मिक उपवास के दौरान लिया जा सकता है क्योंकि यह एक `इंट्रामस्क्युलर’ वैक्सीन है और इससे उपवास नहीं टूटता है। लेकिन वैक्सीन को कुछ खाने के बाद ही लें। अगर आप अपना उपवास सुबह तोड़ते हैं तो वैक्सीन को सुबह कुछ खाने के बाद वैक्सीन सेंटर पर लगवा लें। चर्चा में एक धर्मगुरु द्वारा यह भी बताया गया कि अंतर्राष्ट्रीय इस्लामिक फ़िक़ह अकादमी (IIFA) ने रमज़ान के दौरान वैक्सीन लेने के लिए एक फतवा भी जारी किया है। सभी धार्मिक गुरुओं ने इस आवश्यक तथ्य के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सहमति व्यक्त की।

समाज में प्रसारित करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए

आल इंडिया मिल्ली काउंसिल के मौलाना अनीसुर रहमान क़ासमी ने कहा कि, “टीकाकरण के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं| इससे कैसे बचा जा सकता है | उसका उपाय तथा जानकारी समाज में प्रसारित करने के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए। हम उस जानकारी को समुदाय में प्रसारित करेंगे तथा लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करेंगे।

प्रोफेसर सैयद शाह शमीमुद्दीन अहमद मुनेमी, सरपरस्त, खानकाह मुनीमिया, पटना ने कहा कि, ” इस वैश्विक महामारी में धर्मगुरु अपनी ज़िम्मेदारियाँ बिभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं, सरकार, WHO, यूनिसेफ कोविड -19 के बारे में सभी समयानूचित सटीक जानकारी धर्म गुरुओं को देनी चाहिए। तभी हम समुदाय को टीकाकरण के लिए सही ढंग से प्रेरित कर पाएँगे।”

टीका लेने के बाद भी सामाजिक दूरी बनाए रखना

ब्रह्मा कुमारी संगीता और बी.के. ज्योति ने मिलकर सभी से अपील की कि कोविड-19- सेफ बिहेवियर को न भूलें जैसे मास्क पहनना, हाथ धोना और टीका लेने के बाद भी सामाजिक दूरी बनाए रखना।

भागलपुर सोशल सर्विस सोसायटी के निदेशक फादर जोसेफ जॉर्ज ने कहा कि, “कोविड-19 वैक्सीन की जानकारी दूरदराज़ के मुदायों, छोटे चर्चों/ धार्मिक स्थलों और वंचित समूहों तक नहीं पहुंच रही है।”

गायत्री परिवार, पटना, के डॉ. अशोक कुमार ने कहा की सभी सामाजिक दूरी बनाये रखें और अगर आवश्यक न हो तो घर से बाहर न निकलने। उन्होंने कहा कि, “हमें अपने घरों में सकारात्मकता का माहौल बनाना चाहिए। भगवान पर भरोसा रखें और इस समय बहादुर रहें। ”

यूनिसेफ, बिहार के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्भय नाथ मिश्रा ने धर्मगुरुओं और एसएमनेट टीम की पोलियो की लड़ाई में सराहना करते हुए कहा, “सब लोगों का आप पर भरोसा है और कोविड-19 आपकी वजह से सफल हुआ है और आपके सहयोग के बिना जारी नहीं रह सकता है ”

कोविड महामारी के साथ भय-भ्रान्ति- की महामारी भी फ़ैल रही है

सुश्री निपुण गुप्ता ने कार्यक्रम को संचालन करते हुए बताया कि, “ कोविड महामारी के साथ भय-भ्रान्ति- की महामारी भी फ़ैल रही है। हमें विश्वसनीय और सत्यापित स्रोतों से सही जानकारी साझा करने की आवश्यकता है। PIB FACTCHECK या अन्य मीडिया द्वारा फैक्टचेक सुविधा का उपयोग कर भ्रमक/गलत फोटो-वीडियो की पहचान की जा सकती है; युवा वालंटियर्स की इसमें मदद लेनी चाहिए। धर्मगुरुओं में लोगों की बहुत आस्था है और इस तरह उनकी बहुत अधिक जिम्मेदारी है। ”

 

श्री शादान खान, राज्य सलाहकार, विकार के लिए संचार (C4D) ने उपलब्ध संचार प्रसार सामग्रियों के बारे में बताया जिसका इस्तेमाल धर्मगुरु/ संगठन कर सकते हैं।

वर्कशॉप का अंत सभी धर्मों के लिए सर्व धर्म प्रार्थना से हुआ और सभी ने सबके स्वास्थ्य और सुरक्षा की मंगल कामना करते हुए संकल्प लिया की हम सब मिलकर काम करेंगे।