बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है…सत्र के दूसरे दिन आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका और रसोइया सड़कों पर उतर गईं। यह लोग एक साथ पटना के तीन जगह गर्दनीबाग, आर ब्लॉक और डाक बंगला चौराहा पर प्रदर्शन करने लगीं। अपनी पांच सूत्री मांगों को विधानसभा घेराव करने जा रहीं सेविकाओं को प्रदर्शन को रोकने के लिए पटना प्रशासन और पुलिस ने बल प्रयोग करना पड़ा। पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग किया। इस कारण अफरातफरी मच गई। इसमें कई सेविकाएं चोटिल हो गई और कुछ बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं।
संघ की उपाध्यक्ष प्रतिमा देवी का सिर फट गया
अपनी मांगों को लेकर हजारों सेविकाएं प्रदर्शन करने के लिए पटना के डाक बंगला चौराहा पहुंच गईं। पुलिस ने पहले उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन जब वह नहीं मानी तो पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इसमें कुछ महिला सेविकाएं चोटिल हो गईं। महिला पुलिस की लाठी से मुजफ्फरपुर से आई आंगनबाड़ी सेविका संघ की उपाध्यक्ष प्रतिमा देवी का सिर फट गया, जिस कारण वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गईं।
हमलोग कफन बांधकर आएं हैं
प्रदर्शन कर रही सेविकाओं ने कहा कि हमलोग कफन बांधकर आएं हैं। सम्मानजनक मानदेय नहीं मिला तो 10 नवंबर के बाद डेला डालो घेरा डालो अभियान के तहत आंदोलन करेंगे। मुंगेर से आई मालती सिंह ने कहा कि हमलोगों को सरकारी कर्मचारी दर्जा तत्काल दिया जाए है। अगर यह नहीं देंगे तो सेविकाओं को 25 हजार प्रति माह और रसोईया को 18 हजार वेतन दिया है। हमलोगों पिछले कई साल से सरकार से मांग कर रहे हैं लेकिन बिहार सरकार इस पर ध्यान नहीं है। बिहार की ढाई लाख सेविका की यह मांग है कि सरकार हमलोगों की सारी मांगों को पूरा करे।
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