भाजपा के वरीय नेता व दिल्ली के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र से निवर्तमान सांसद और प्रत्याशी मनोज तिवारी की परेशानी बढ़ सकती है। पटना के सीजेएम कोर्ट कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दायर हुआ है। उनपर आरोप लगा है कि उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी व कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैया कुमार के नामांकन को लेकर एक जाति के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी। इसी आरोप के कारण उनके खिलाफ अधिवक्ता अशोक कुमार ने परिवाद दायर किया है।
सीजेएम की कोर्ट में परिवाद दायर करने वाले आवेदक की ओर से अधिवक्ता राम संदेश राय और मणिलाल ने दलीलें ली। उनका कहना था कि भाजपा सांसद मनोज तिवारी की टिप्पणी किसी भी सूरज में समाज को स्वीकार्य नहीं है। सीजेएम कोर्ट ने इस परिवाद को स्वीकृत कर लिया। साथ ही इस मामले को सुनवाई के लिए एमपी-एमएलए की विशेष अदालत में ट्रांसफर किया गया।
इधर, परिवाद स्वीकृत होने के बाद अधिवक्ता अशोक कुमार ने कहा कि भाजपा नेता मनोज तिवारी एक जिम्मेदार और संवैधानिक पद पर हैं। उन्होंने कन्हैया कुमार के नामांकन को लेकर एक जाति विशेष पर अपमानजनक टिप्पणी की। यह किसी भी कीमत पर समाज को बर्दाश्त नहीं है। उन्होंने संविधान विरोध बातें कही है। इसलिए कोर्ट से मांग हैं कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। ताकि आगे से कोई भी शख्स किसी भी समाज के खिलाफ टिप्पणी करने से पहले सौ बार सोचे।
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