सीबीए बायोफार्मास्युटिकल डेवलपर्स और निर्माताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली विश्लेषणात्मक सेवाएं प्रदान करेगा

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन के सहयोग से सेंटर फॉर बायोफार्मा एनालिसिस पुणे स्थित टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेटर, वेंचर सेंटर में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल (बीआईआरएसी) का उद्घाटनडीबीटी सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने वर्चुअली किया।

मिलेगी उच्च गुणवत्ता वाली विश्लेषणात्मक सेवाएं

सीबीएबायोफार्मास्युटिकल डेवलपर्स और निर्माताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली विश्लेषणात्मक सेवाएं प्रदान करेगा। इस केन्‍द्र को जैविक और बायोफर्मास्‍युटिकल के संरचनात्मक और कार्यात्मक विवरण के लिए एक संसाधन केन्‍द्र बनाने की कल्पना की गई है जो जैव-उद्यमियों और उद्योग के लिए लंबे समय तक मूल्‍यांकन करेगा।

विकास प्रक्रिया को मिलेगी गति

इस सुविधा का उद्घाटन करते हुए डीबीटी सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सीबीएशैक्षणिक और सरकारी अनुसंधान प्रयोगशालाओं, स्टार्टअप्स और कई भारतीय कंपनियों से न केवल उच्च गुणवत्ता वाले विश्लेषणात्मक के साथ बायोफार्मा नवाचारों का सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी बल्कि नियंत्रण मंजूरियों के लिए आवश्यक अध्ययनों के बारे में भी सलाह देगा। यह विकास प्रक्रिया को गति देने में मदद कर सकता है।

इस अवसर पर, सीएसआईआर-एनसीएल के निदेशक, प्रोफेसर ए.के. नांगिया ने कहा कि एनसीएल भारत में होने वाली बड़ी अणु चिकित्सीय क्रांति में योगदान करने के लिए उत्सुक है, जैसाकि उसने 1970-80 के दशक में छोटे अणु चिकित्सा विज्ञान के लिए किया था। इंटरनेशनल बायोटेक पार्क लिमिटेड, पुणे के सीईओ प्रशांत बिस्वाल ने कहा कि आईबीपीएल को सीबीए अवसंरचना विकास के लिए सीएसआर समर्थन देने में खुशी हुई है और वे पुणे में बायोफार्मा और मेडटेक विकास और निर्माण में उत्कृष्टता के लिए पुणे नॉलेज क्लस्टर को उत्‍कृष्‍ट बनाने के लिए वेंचर सेंटर और बीआईआरएसी के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं।

डीबीटी के बारे में: विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) भारत में जैव प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देता है और इसमें तेजी लाता है, जिसमें कृषि, स्वास्थ्य सेवा, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग के क्षेत्रों में जैव प्रौद्योगिकी का विकास और प्रयोग शामिल है।

जानें क्या है बीआईआरएसी

जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) धारा 8, अनुसूची बीके तहत सार्वजनिक क्षेत्र का गैर लाभकारी उद्यम है। इसकी स्‍थापना भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) ने एक इंटरफेस एजेंसी के रूप में की ताकि उभरते बायोटेक उद्यम को मजबूत और सशक्त बनाया जा सके और राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक उत्पाद विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिएरणनीतिक अनुसंधान और नवाचार का काम हाथ में लिया जा सके।

राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन का यह है उदेश्य

भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) का उद्योग-अकादमिक सहयोगात्मक मिशन बायोफार्मास्युटिकल के लिए प्रारंभिक विकास के लिए खोज अनुसंधान में तेजी लाने के लिए है जिसे मंत्रिमंडल की मंजूरी प्राप्‍त है जिसकी कुल लागत 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर है और विश्व बैंक द्वारा 50% सह-वित्त पोषित इस मिशन को जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) में कार्यान्वित किया जा रहा है। यह कार्यक्रम भारत की आबादी के स्वास्थ्य मानकों में सुधार करने के उद्देश्य से देश में किफायती उत्पादों को वितरित करने के लिए समर्पित है। टीके, चिकित्सा उपकरण और डायग्नोस्टिक्स और बायोथेराप्यूटिक्स इसके सबसे महत्वपूर्ण डोमेन में से एक हैं, इसके अलावा, देश में नैदानिक ​​परीक्षण क्षमता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण क्षमताओं को मजबूत बनाना है।

क्या करता है वेंचर सेंटर ?

उद्यमिता विकास केन्‍द्र (वेंचर सेंटर)- एक सीएसआईआर पहल है- यह राष्ट्रीय रसायन प्रयोगशाला, पुणे द्वारा पोषित धारा 25 कंपनी है। वेंचर सेंटर भारत में पुणे में संस्थानों की वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग दक्षताओं का लाभ उठाकर प्रोद्योगिकी को केन्‍द्रवान बनाता है और उसे विकसित करता है तथा ज्ञान-आधारित उद्यमों का प्रयास करता है। वेंचर सेंटर विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी उद्यमिता विकास बोर्ड (डीएसटी-एनएसटीईडीबी) द्वारा समर्थित एक प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर है। वेंचर सेंटर सामग्री,रसायन और जैविक विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में वैज्ञानिक विशेषज्ञता का दोहन करने वाले उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करने वाले प्रौद्योगिकी उद्यमों पर केंद्रित है।

जाने क्या है सीबीए

सेंटर फॉर बायोफार्मा एनालिसिस (सीबीए) नेशनल बायोफार्मा मिशन, बीआईआरएसी (भारत सरकार) द्वारा समर्थित वेंचर सेंटर की एक पहल है। वेंचर सेंटर सीएसआईआर-राष्‍ट्रीय रसायन प्रयोगशाला, पुणे द्वारा पोषित एक प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर है। यह हाई एंड इंस्‍ट्रूमेशन और उद्योग से जुड़े व्यक्तियों के साथ एक अत्याधुनिक जीएलपी अनुरूप सुविधा है, जो बायोफार्मास्युटिकल्स के वैश्विक रूप से स्वीकार्य विश्लेषण प्रदान करता है। यह बायोफार्मास्‍युकल्‍स विश्‍लेषण के लिए ओपन एक्सेस अत्याधुनिक तकनीक प्रदान करता है और बायोफार्मास्युटिकल की विशेषता के लिए संसाधन केन्‍द्र के रूप में उभरेगा। इस सुविधा का उद्देश्य सभी शिक्षाविदों, भारत और दुनिया के छोटे औरमध्यम आकार के बायोसिमिलर डेवलपर्स की आवश्‍यकताओं को पूरा करना है।