कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रधानाचार्य तपन कुमार शांडिल्य बोले, जनसंख्या वृद्धि में गुणात्मक सुधार लाने की आवश्यकता

विश्व जनसंख्या दिवस पर कालेज आफॅ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइंस पटना के भूगोल विभाग और आईक्यूएसी के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को ‘ ओभरकमिंग द चैलेंजेज़, बिहार पॉपुलेशन प्रोस्पेक्टस’ विषय पर दो दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार की अध्यक्षता प्रधानाचार्य प्रो तपन कुमार शान्डिल्य ने की। उन्होंने भारत में तेज़ी से बढ़ रही जनसंख्या पर चिंता व्यक्त की तथा इसको नियंत्रित करने की बात कही है। इस अवसर पर अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो. शान्डिल्य ने जनसंख्या वृद्धि में गुणात्मक सुधार लाने की आवश्यकता पर बल देते हुए इसे राष्ट्रीय विकास में बड़ी बाधा बताया।

भारत मे जनसंख्या वृद्धि में गुणात्मक सुधार लाने की आवश्यकता

भारत मे जनसंख्या वृद्धि में गुणात्मक सुधार लाने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने कहा कि संसाधन एक बहुत महत्त्वपूर्ण घटक है। भारत में विकास की गति की अपेक्षा जनसंख्या वृद्धि दर अधिक है। संसाधनों के साथ क्षेत्रीय असंतुलन भी तेज़ी से बढ़ रहा है। दक्षिण भारत कुल प्रजनन क्षमता दर यानी प्रजनन अवस्था में एक महिला कितने बच्चों को जन्म दे सकती है, में यह दर क़रीब 2.1 है जिसे स्थिरता दर माना जाता है। लेकिन इसके विपरीत उत्तर भारत और पूर्वी भारत, जिसमें बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्य हैं, इनमें कुल प्रजनन क्षमता दर चार से ज़्यादा है। यह भारत के भीतर एक क्षेत्रीय असंतुलन पैदा करता है। जब किसी भाग में विकास कम हो और जनसंख्या अधिक हो, तो ऐसे स्थान से लोग रोज़गार तथा आजीविका की तलाश में अन्य स्थानों पर प्रवास करते हैं। किंतु संसाधनों की सीमितता तथा जनसंख्या की अधिकता तनाव उत्पन्न करती है, विभिन्न क्षेत्रों में उपजा क्षेत्रवाद कहीं न कहीं संसाधनों के लिये संघर्ष से जुड़ा हुआ है।

वेबिनार को संबोधित करते हुए आइ सी एम आर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. प्रशांत कुमार सिंह और भारतीय जनसंख्या अध्यन संगठन डॉ. यू. भी. सोमयाजुलु ने ‘ दि साइलेंट किलर एंड द पावर आफॅ प्रिवेंशन, पापुलेशन एंड डेवलपमेंट इन बिहार, इश्यू एंड चैलेंजेज़ विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। अपने संबोधन में इन दोनों वक्ताओं ने जनसंख्या वृद्धि, प्रादेशिक प्रतिरूप तथा इस से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं के विविध पक्षों पर प्रभावोत्पादक विचार प्रस्तुत किये।

वेबिनार को अन्य लोगों के अलावा आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो. संतोष कुमार, पीपीयू स्नातकोत्तर के विभागाध्यक्ष डॉ. नवीन चंद्र सिंहा, कुलानुशासक डॉ मनोज कुमार, डॉ. अनूप कुमार सिंह , भूगोल की विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि रंजन, पटना विश्वविद्यालय के प्रो. अनुराधा सहाय, प्रो. रवि किरण शर्मा समेत अनेक शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए। वेबिनार का संचालन डॉ विभा यादव ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ अभय शंकर ने किया।