पटना : 26 सितम्बर, कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स आर्ट्स एण्ड साइंस, पटना और ग्लोबल लीडर फाउंडेशन, दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय “21वां राष्ट्रीय शिखर सम्मलेन सह राष्ट्रीय एक्सीलेंस अवार्ड ” कार्यक्रम रविवार को सम्पन्न हो गया।
सम्मेलन को संबोधित करते पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. जितेंद्र कुमार ने कहा की शिक्षा न केवल युवाओं का लिए बल्कि राष्ट्र का भी भविष्य है। शिक्षा मे व्यापक सुधार से ही राष्ट्र का विकास संभव है। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 की पुरजोर वकालत की।
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शिक्षकों का कर्तव्य विद्यार्थियों शिक्षित करने तक ही सीमित नही है
प्रधानाचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने आधुनिक शिक्षा मे मानवीय मूल्यों तथा शिक्षकों की जीवन शैली का बच्चों पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का कर्तव्य सिर्फ विद्यार्थियों को शिक्षित करना नहीं बल्कि उन्हें सांस्कृतिक एवं चारित्रिक मूल्यों से भी अवगत कराना होता है।
ग्लोबल लीडर्स फाउंडेशन के चेयरमैन रमेश त्रिपाठी ने कहा कि, देश के स्वर्णिम विकास के लिए आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक- सांस्कृतिक उत्थान के साथ-साथ पर्यावरण और पारिस्थितिकी संतुलन अर्थात समावेशी विकास आवश्यक है और इसके लिए युवा वर्गों की सहभागिता आवश्यक है।
सम्मेलन को अन्य लोगों के अलावा मुंगेर विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. जवाहर लाल, कुलसचिव डॉ. सत्येंद्र नारायण सिंह, समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए शिक्षाविदों ने अपने विचार व्यक्त किए।
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