नीतीश सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर लिया अहम फैसला, मुखिया-सरपंच के कार्यकाल का विस्तार न होगा

नीतीश सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर अहम फैसला लिया है। फैसला पंचायत प्रतिनिधियों के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की अहम बैठक में कुल 18 एजेंडों पर मुहर लगाई गयी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा पंचायती राज चुनाव को लेकर लिया गया फैसला है। बिहार में नीतीश सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को विस्‍तार यानी एक्‍सटेंशन नहीं देने का फैसला लिया है।

बिहार के कोरोना के कारण समय पर पंचायत चुनाव नहीं हो सके। इस वजह से पंचायतों में परामर्श समिति का गठन होगा। इसके तहत बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन किया जाएगा।

दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के कारण राज्य में पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो सका। इसलिए नीतीश सरकार ने बीच रास्ता निकालते हुए यह फैसला लिया है। बतादें कि सरकार के इस फैसले से राज्य में विकास का काम बाधित नहीं होगा। हालांकि सरकार ने जो निर्णय लिया है, उसके मुताबिक पंचायत जनप्रतिनिधियों का एक्सटेंशन की अटकलों पर विराम लग गया है।

बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण बिहार में पंचायत चुनाव समय से नहीं कराया जा सकता है, जिसके कारण बिहार कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि पंचायतों में परामर्शी समिति की नियुक्ति होगी। यदि किसी कारण से ग्राम पंचायत का आम निर्वाचन कराना संभव नहीं होने पर ग्राम पंचायत भंग हो जाएगी। ग्राम पंचायत के विकाश कार्य परामर्श समिति द्वारा की जाएगी। बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि संविधान में यह नियम है कि 5 साल से अधिक पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता है, ऐसे में बिहार कैबिनेट ने परामर्शी समिति बनाने का निर्णय लिया है।

वहीं अब इस प्रस्ताव को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा कि समिति में कौन-कौन लोग होंगे। इस पर बाद में निर्णय होगा। उन्‍होंने साफ कर दिया कि पंचायतों के लिए प्रशासक नियुक्त नहीं किये जाएंगे, लेकिन मान जा रहा है कि परामर्श समिति में अफसर और वर्त्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को शामिल किया जा सकता है। गौरतलब है कि बिहार में वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने पत्र जारी कर स्थगित किया था चुनाव

गौरतलब है कि, बिहार में कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पहले ही पंचायत चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। इस बात की जानकारी इलेक्शन कमीशन की ओर से जारी की गई थी। साथ ही चुनाव आयोग ने शुरू होने वाले प्रशिक्षण को भी स्थगित कर दिया था। जिसकी जानकारी बिहार के सभी जिलों के डीएम सह निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी गई है।

राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से जारी पत्र के मुताबिक कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पंचायत चुनाव को स्थगित कर दिया गया था। हालांकि 15 दिनो बाद समीक्षा बैठक की जानी थी। जिसके बाद ही आगे का निर्णय लेने की बात कही गई थी। आयोग ने बताया था कि कल से शुरू होने वाला प्रशिक्षण कार्यक्रम भी स्थगित कर दिया गया है। सभी निर्वाचन पदाधिकारी और सहायक निर्वाचन पदाधिकारी की ट्रेनिंग स्थगित की गई है।

वहीं राज्य में कोरोना संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए कांग्रेस के आनंद माधब सहित कई विपक्ष के नेता अन्य नेता राज्य निर्वाचन आयोग से पंचायत चुनाव स्थगित करने की मांग कर रहे थे। इससे पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने पत्र कर बताया था कि 22, 23 और 24 अप्रैल को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक अधिकारियों को पंचायत चुनाव के बाबत ट्रेनिंग दी जाएगी।