बिहार में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज़, 30 राज्यों से बिहार आएंगे ईवीएम, अगले सप्ताह जिलों से टीम दूसरे राज्यों में जाएगी

बिहार में पंचायत चुनाव की सरगर्मी तेज़ ईवीएम लाने के लिए अगले सप्ताह जिलों से टीम दूसरे राज्यों में जाएगी। दरअसल, राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों को निर्धारित राज्यों से आवंटित किए गए ईवीएम को 15 जुलाई तक लाने का निर्देश दिया और कहा कि इसके लिए पहले से ही सभी संबंधित राज्यों के साथ वार्ता कर ईवीएम को लाने की तैयारी पूरी कर ली जाए।

बहरहाल पहले ही आयोग ने जिलों को मतदाता सूची (Electoral Roll) दुरुस्त करने के साथ ही विभिन्न राज्यों से ईवीएम (EVM) मंगाने की सूची भी भेज दी है। जिलों को 30 राज्यों के विभिन्न जिलों से ईवीएम मंगाने से संबंधित दिशा-निर्देश भी भेज दिया गया है। कई जिलों को छह-छह राज्यों के पांच से आठ जिलों से ईवीएम मंगाने की सूची दी गई है। पंचायत चुनाव के मतदान (Voting) के तीसरे दिन ही मतगणना (Counting) कराई जाएगी।

शनिवार को राज्य निर्वाचन आयोग के मुख्य आयुक्त दीपक प्रसाद ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, पंचायत सह जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य रूप से ईवीएम को लाने पर जोर दिया गया। बैठक करीब 2.30 घंटे तक चली।

बैठक के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव योगेंद्र राम ने बताया कि ईवीएम को दूसरे राज्यों से लाए जाने को लेकर जिलों द्वारा की गयी कार्रवाई की समीक्षा की गयी। जिलों को जल्द से जल्द ईवीएम मंगाने का निर्देश दिया गया। बैठक में जिला पदाधिकारियों ने बताया कि ईवीएम लाने के लिए टीम गठित कर ली गयी है और ईवीएम को रखने के लिए चिन्हित स्थल को तय किया जा चुका है। जबकि आयोग को तीन जिलों ने ईवीएम लाने को लेकर हो रही परेशानी के बारे में जानकारी दी। इनमें अररिया, भागलपुर व लखीसराय जिलें शामिल हैं। आयोग ने उन्हें कहा कि वे अपने स्तर से परेशानी को दूर करने का प्रयास करें। आवश्यकता पड़ने पर आयोग भी अपनी ओर से इसमें हस्तक्षेप कर कठिनाइयों को दूर करने में सहयोग करेगा।

30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से बिहार आएंगे ईवीएम

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश के कुल 30 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों से बिहार पंचायत चुनाव के लिए ईवीएम प्राप्त करने की अनुमति मिली है।

अहम यह है कि ईवीएम का कलेक्शन कितना दुरुह कार्य होगा, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नालंदा जिले को छह राज्यों के 16 जिलों से ईवीएम का संग्रह करना है। नालंदा को झारखंड, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और पुडुचेरी से ईवीएम मंगाना है। इसी प्रकार किशनगंज जिले को भी देश के छह राज्यों के 31 जिलों से ईवीएम मंगाने की जिम्मेदारी दी गई है। किशनगंज को असम, मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम और बंगाल से ईवीएम लाना है।

मतदान के तीसरे दिन ही कराई जाएगी मतगणना

बिहार में इस बार पहली बार पंचायतों के चुनाव ईवीएम से होने जा रहा है। इसलिए नियमों में भी कुछ फेरबदल हुआ है। चुनाव 10 चरणों में प्रस्तावित है। ईवीएम की कमी को देखते हुए पहले चरण में इस्तेमाल किए गए ईवीएम को तीसरे चरण के लिए भेजा जाएगा। इस क्रम में मतदान के तीसरे दिन वोटों की गिनती हो जाएगी। पांच दिनों के भीतर उसी ईवीएम को दूसरे जिलों में भेज दिया जाएगा।

बिहार में कहां-कहां से मंगाए जा रहे ईवीएम, जानिए

  • सिवान जिले को ओडिशा के पांच जिलों से 5,786 बैलेट यूनिट व 7,434 कंट्रोल यूनिट।
  • गया जिले को ओडिशा के 23 जिलों से 9,496 कंट्रोल यूनिट व 9,002 बैलेट यूनिट।
  • भोजपुर जिले को हैदराबाद के इसीआएल से 12,881 बैलेट यूनिट व 21,696 कंट्रोल यूनिट।
  • मधेपुरा जिला को तेलंगाना के छह जिलों से 4,927 बैलेट यूनिट व 3,907 कंट्रोल यूनिट।
  • जमुई जिला को तेलंगाना के तीन जिलों से 8,071 बैलेट यूनिट व 4,547 कंट्रोल यूनिट।
  • नवादा जिले को तेलंगाना के छह जिलों से क्रमश: 5,346 बैलेट और 4,517 कंट्रोल यूनिट।
  • सारण जिले को केरल के चार जिलों से 9,256 बैलेट और 8,118 कंट्रोल यूनिट।
  • गोपालगंज जिला को केरल के दो जिलों से 6,135 बैलेट और 4,162 कंट्रोल यूनिट।
  • पटना जिले को केरल के इसीआइएल से क्रमश: 7,718 बैलेट और 4,455 कंट्रोल यूनिट।
  • बेगूसराय जिले को केरल के दो जिलों से 5,047 बैलेट और 4,703 कंट्रोल यूनिट।
  • मुंगेर जिला को केरल के पांच जिलों से 13,944 बैलेट व 8,981 कंट्रोल यूनिट।
  • मधुबनी जिला को राजस्थान के दो जिलों से 7,556 बैलेट व 7,381 कंट्रोल यूनिट।
  • मुजफ्फरपुर जिला को राजस्थान के चार जिलों से 14,629 बैलेट व 11,145 कंट्रोल यूनिट।
  • दरभंगा जिला को राजस्थान के दो जिलों से 8,206 बैलेट व 4,884 कंट्रोल यूनिट।
  • पूर्वी चंपारण जिला को राजस्थान के दो जिलों से 10,938 बैलेट और 10,124 कंट्रोल यूनिट।
  • पश्चिम चंपारण जिला को राजस्थान के दो जिलों से 8,773 बैलेट व 8,415 कंट्रोल यूनिट।
  • वैशाली जिला को राजस्थान के दो जिलों से 4,830 बैलेट व 4,830 कंट्रोल यूनिट।
  • किशनगंज को असम से एक बैलेट यूनिट व 1,233 कंट्रोल यूनिट, मिजोरम से 522 बैलेट व 503 कंट्रोल यूनिट, मणिपुर से 996 बैलेट व 720 कंट्रोल यूनिट, मेघालय से 370 बैलेट व 200 कंट्रोल यूनिट, सिक्किम से 456 बैलेट व 425 कंट्रोल यूनिट और बंगाल से 13 बैलेट व 144 कंट्रोल यूनिट।
  • समस्तीपुर जिले को बेंगलुरु से क्रमश: 4,288 बैलेट और 16,402 कंट्रोल यूनिट।
  • नालंदा जिला को झारखंड से 855 बैलेट व 1,458 कंट्रोल यूनिअ। जम्मू-कश्मीर से क्रमश: 1,445 व 864, दिल्ली से 784 व 291, पंजाब से 650 व 650, हरियाणा से 19 व 15 और पुड्डुचेरी से 37 व 33 बैलेट व कंट्रोल यूनिट।
  • बक्सर जिले को मध्य प्रदेश से 5,025 बैलेट व 2,605 कंट्रोल यूनिट।
  • अररिया जिला को महाराष्ट्र के 14 जिलों से 5,232 बैलेट व 6,514 कंट्रोल यूनिट।
  • भागलपुर जिले को अरुणाचल प्रदेश से 6,368 बैलेट व 6,118 कंट्रोल यूनिट।
  • बांका जिला को गुजरात के 12 जिलों से 4,657 बैलेट व 7,105 कंट्रोल यूनिट।
  • कैमूर जिला को तीन राज्यों के 28 जिलों से बैलेट और कंट्रोल यूनिट। उत्तराखंड से क्रमश: 11,782 व 3,516, दादर नगर हवेली से 797 व 677, उत्तर प्रदेश से 9,042 व 2,754 बैलेट व कंट्रोल यूनिट।
  • पूर्णिया जिला को नगालैंड के 12 जिलों से 3,839 बैलेट व 3,528 कंट्रोल यूनिट।
  • शिवहर जिला को त्रिपुरा से 3,064 बैलेट व 2,766 कंट्रोल यूनिट।
  • शेखपुरा जिला को तमिलनाडु से 1,073 बैलेट व 1,652 कंट्रोल यूनिट।