जनता दल (यू) के मुख्य प्रवक्ता सह विधान पार्षद नीरज कुमार एवं प्रवक्ता अरविन्द निषाद ने गुरूवार को चौथे दिन वर्चुअल माध्यम से ‘बिहार में कानून के राज’ विषय पर पार्टी की ओर से बात रखते हुए राजद शासनकाल में अपराधों की फेहरिस्त का डेटा लोगों के सामने रखा। प्रवक्ताओं ने कानून की परिभाषा बताते हुए कहा कि कानून आम हो या खास सभी लोगों पर समान रूप से लागू होती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कानून का राज सुचारू रूप से चलाने की दिशा में व्यवस्थात्मक सुधार किये हैं।
गवाहों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने बिहार में अन्वेंशन और कानून की व्यवस्था के लिए अलग विंग की स्थापना की है। प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के रजिस्टर्ड पोस्ट के माध्यम से थाना से लेकर डीजीपी को आम जनता अपनी शिकायत कर सकता है। देशभर में पहली बार बिहार में आरंभ हुई लोक शिकायत कोषांग, अनुमंडलीय कार्यालय में दर्ज करा समस्या से आम जनता निदान पा सकते हैं। यहीं नहीं, बिहार गवाह सुरक्षा योजना 2018 के तहत किसी भी तरह के गवाहों द्वारा अपनी जान की खतरे की आशंका जताने पर सुरक्षा उपलब्ध कराने की व्यवस्था है।
1990 से 2005 के बीच 67,249 लोगों की हत्या
JDU प्रवक्ताओं ने राजद शासनकाल पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पिछले 16 वर्षो से बिहार में कानून का राज स्थापित है। जबकि लालूवाद में 1990 से 2005 के बीच 67,249 आम लागों की हत्या कर दी गई। डकैती 32,344, चोरी 41,934, सेंधमारी 82,304, दंगा 1,67,866, फिरौती के लिए अपहरण 5,243, सड़क डकैती 5157, रोड रॉबरी 19,477, बैंक डकैती 331, बैंक रॉबरी की 318 की घटनाए हुई। आगे कहा कि 1990 से 2005 के बीच बिहार में 118 नरसंहार में 859 लोगों की नृसंश हत्या की गई। मृतकों में 15 महिला, 9 बच्चे, 470 दलित, 18 महादलित, 12 अल्संख्यक, 78 पिछड़ा, 47 अतिपिछड़ा, 167 सवर्ण, 16 थारू जनजाति एवं 27 अन्य लोगों की हत्या हुई। इन सभी घटनाओं में लालूवाद में कार्यवाई के नाम पर सिर्फ दिखावा किया गया।
शराबबंदी के बाद बिहार में अपराध में उल्लेखनीय कमी
राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अध्ययन से भी साफ है कि शराबबंदी के बाद बिहार में अपराध के मामलों में उल्लेखनीय कमी दर्ज हुई है। वर्ष 2015 की अपेक्षा 2019 में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर हत्या में 16.13 प्रतिशत, डकैती में 25 प्रतिशत, गृह भेदन में 13.64 प्रतिशत, फिरौती हेतु अपहरण में 64.20 प्रतिशत, दंगा में 53.49 प्रतिशत, राज्य के विरूद्ध अपराध में 100 प्रतिशत एवं बलात्कार में 38.10 प्रतिशत, दहेज हत्या में 17.39 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है।
अप्रैल 2006-21 तक 29,73,323 अपराधी गिरफ्तार
जदयू प्रवक्ताओं ने कहा कि सीएम नीतीश के शासन काल में अपराधियों पर कार्रवाई के तहत अप्रैल 2006 से 2021 तक 29 लाख 73 हजार 323 विभिन्न मामलों के अपराधी गिरफ्तार किये गये। राज्य सरकार ने 1 लाख 14 हजार 420 अपराधियों को सजा दिलाई गई।
बिहार अपराध के मामले में देश में 24वें स्थान पर
एनसीआरबी के अनुसार, बिहार अपराध के मामले में देश में 24वें स्थान पर है। एनसीआरबी के मानक के अनुरूप प्रति 1 लाख की आबादी पर अपराध में मामलों में 2005 की अपेक्षा 2019 में हत्या में 33.33 प्रतिशत की कमी, डकैती में 76.92 प्रतिशत की कमी, लूट में 23.08 प्रतिशत की कमी, दंगा में 29.41 प्रतिशत की कमी एवं बलात्कार की दर भी 2005 के बराबर है।
एनसीआरबी का डाटा
2005 – 2019 – कमी
हत्या – 3.9 – 2.6 – 33.33 प्रतिशत
डकैती – 1.3 – 0.3 – 76.92 प्रतिशत
लूट – 2.6- 2 – 23.33 प्रतिशत
बलात्कार – 1.3 – 1.3 – 0 प्रतिशत
दंगा – 8.5 – 6 – 29.41 प्रतिशत
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