तेजस्वी यादव रेस्टोरेंट में अपने पार्टी नेताओं एवं मौजूद लोगों के साथ किया भोजन, नीतीश कुमार मिले 11 अगस्त 1942 को शहीद हुए राजेंद्र सिंह के परिजनों से, राजनीति या संयोग!

बिहार में बढ़ते राजनितिक घमासान के दरमियान इन दिनों नीतीश कुमार का लगातार बढ़ता जन संपर्क वो चाहे, किसी प्रकार की घोषणा का सोशल मीडिया के माध्यम से संवाद, जनता दरबार या फिर लोगों के बीच जाकर मिलना उनकी समस्या से रू बरू होना। एक नए राजनीतिक आयाम की ओर इशारा करता है। हालांकि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के पिता राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद अपने अलग अंदाज के लिए हमेशा से जाने जाते हैं अक्सर काफिला को रोककर लोगों से मिलना, पान खाना, चौक-चौराहों पर लोगों से बात करना उन्हें खास बनाता है।

तेजस्वी यादव सोमवार की शाम अचानक पटना के मोर्यालोक पहुंचे. जहां उन्होंने रेस्टोरेंट में अपने पार्टी नेताओं के साथ भोजन किया। इस दौरान तेजस्वी यादव का अलग ही रूप देखने को मिला। सियासत की गहमा गहमी के बीच तेजस्वी यादव को रेस्टोरेंट में देख लोग आश्चयर्यचकित रह गए। हालांकि लोगों ने इस दौरान तेजस्वी यादव के साथ सेल्फी भी ली। तेजस्वी यादव ने सबों के साथ सेल्फी खिचवाई। इसके बाद तेजस्वी पान खाने उसी दुकान पर पहुंचे थे, जहां उनके पिता लालू प्रसाद यादव अक्सर जाया करते थे। राजधानी पान प्लैस में पान खाते हुए तेजस्वी यादव ने बताया कि ऐसा नहीं है कि वे पहली बार पान खा रहे हैं। वे बचपन से ही मुलेठी पान खाते आ रहे हैं। बिहार में जारी राजनैतिक सरगर्मी और उठापटक के बीच अचानक तेजस्वी यादव को देखकर रेस्टोरेंट में लोग आश्चर्च में पड़ गए।

वहीं दूसरी और सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार की शाम अचानक दानापुर पहुंचे। दानापुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शहीद राजेंद्र सिंह के परिजन के घर पहुंचे। वहां उन्होंने परिजनों के बीच लगभग 45 मिनट तक समय गुजारा। 11 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान सचिवालय पर झंडा फहराने के क्रम में अनीसाबाद के निवासी राजेंद्र सिंह को अंग्रेजी फौज ने गोलियों से भून डाला था। उस वक्त राजेंद्र सिंह महज 18 वर्ष के थे।

मालूम हो कि शहादत से कुछ दिन पहले ही राजेंद्र सिंह की शादी हुई थी। पति के शहादत के बाद से ही राजेंद्र सिंह की पत्नी विधवा की जिंदगी पूरी उम्र गुजार दी थी। लगभग 98 वर्ष की आयु में राजेंद्र सिंह की पत्नी का देहांत कुछ महीने पहले दानापुर उनके मायके में हो गया। शहीद राजेंद्र सिंह की पत्नी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया था। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजेंद्र सिंह के परिजनों से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। सोमवार को मौका मिलते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दानापुर स्थित शहीद राजेंद्र सिंह के परिजनों से मिलने पहुंच गए।