मुख्यमंत्री ने शनिवार को मुख्य सचिव एवं अन्य वरीय अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक कर कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर किये जा रहे उपायों पर विस्तृत चर्चा की। साथ ही कई निर्देश भी दिए। समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्किल सर्वे के आधार पर प्रवासी श्रमिकों के लिये रोजगार सृजन की कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार इनसे संबंधित निर्माण इकाईयों की स्थापना राज्य में ही करने हेतु समुचित कार्रवाई की जाय ताकि यहीं पर उनके स्किल के अनुसार उन्हें स्थायी रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जा सके।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया है कि क्वारंटाइन सेंटरों पर समय पर गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था रहे। वे इन सेंटरों पर आपदा प्रबंधन विभाग के एसओपी के अनुसार सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराएं। आपदा प्रबंधन विभाग भी इसकी सतत् मॉनिटरिंग करता रहे। महिलाओं एवं बच्चों के लिये अलग व्यवस्था रखी जाय ताकि उन्हें किसी प्रकार की परेशानी न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल मधेपुरा में भी आर0टी0पी0सी0आर0 टेस्टिंग फैसिलिटी शुरू करायी जाय ताकि आसपास के जिले के लोगों को सुविधा हो। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में आइसोलेशन बेड की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर, नर्सेज एवं अन्य पारा मेडिकल स्टाफ जो कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये दिन-रात मेहनत कर रहे हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाय तथा उनके लिये पी0पी0ई0 किट्स, मास्क इत्यादि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से लोगों की सुरक्षा के लिये भी हम सबको विशेष ध्यान रखना होगा। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि पंचम वित्त आयोग की राशि से ग्राम पंचायतों में कोरोना संक्रमण से लोगों की सुरक्षा के लिये साबुन, सैनिटाइजर तथा जीविका द्वारा निर्मित मास्क उपलब्ध कराया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में हुये सर्वेक्षण के आधार पर जल्द से जल्द नये राशन कार्ड लोगों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय स्तर पर अगर इस कार्य में कोई पदाधिकारी शिथिलता बरतते हैं तो उन्हें चिन्हित कर समुचित कार्रवाई की जाय।
साथही उन्होंने कहा कि बाहर से पैदल चलकर आने वाले लोगों को उनके गंतव्य तक पहुचाने की व्यवस्थायें होनी चाहिये। उन्होंने लोगों से अपील की कि बाहर से पैदल चलकर न आयें। निकटतम प्रखण्ड/थाने में पंहुचकर सूचना दें ताकि उन्हें उनके गंतव्य तक पहुचाया जा सके।
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