सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना से भड़के नीतीश, बोले- बिना कुछ जाने घर बैटे कुछ भी ट्वीट करना फैशन हो गया है

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया पर की जा रही अपनी सरकार की कथित तौर पर आलोचना को लेकर नाराजगी जताई है। स्वतंत्रता दिवस पर झंडोत्तोलन के बाद लगभग एक घंटे के संबोधन में उन्होंने विरोधियों पर भी जमकर निशाना साधा।

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि – सब के लिये हमलोग काम करते हैं। हम तो ऐसे ही मौके पर कुछ बोलते हैं। ‘घर में बैठकर कुछ भी ट्वीट कर देना फैशन हो गया है, वह भी बिना जाने कि क्या उपलब्धि हासिल की गई है। कुछ नहीं जानते हैं, वे सब भी  ट्वीट करते हैं। कितना काम हो रहा है बिहार में। लोगों को उनकी उपलब्धि बेहतर तरीके से समझने के लिए उनके सत्ता में आने से पहले की राज्य की दयनीय हालत पर गौर करना चाहिए। हम तो आप सबलोगों को हाथ जोड़कर प्रार्थना करेंगे कि पहले क्या था ? अब क्या है ? आप को खुद विश्लेषण करना चाहिये। हमने तो सरकारी अधिकारियों को भी पहले से लेकर अब तक जो भी स्थिति है उसका आंकलन करके उन बातों को लोगों के सामने रखने के लिए कहा है ताकि आने वाली नई पीढ़ी को ठीक ढ़ंग से जानकारी हो सके। हमलोग कितना काम कर चुके हैं वो आपके सामने है। पहले कहीं सड़क थी ? गड्ढ़े थे। गड्ढ़े में सड़क या सड़क में गड्ढ़े यही कहा जाता था। बिजली थी ? कुछ नहीं था लेकिन जो कम उम्र के बच्चे हैं उनको कुछ मालूम नहीं है ये अब 18-20 वर्ष के होने जा रहे हैं, तो उन सबों को विकास की सही जानकारी होनी चाहिये। सोशल मीडिया के दो रूप है। एक पक्ष बहुत पॉजिटिव है, जिसके माध्यम से सब को सही जानकारी मिलती है और दूसरा पक्ष है जो इसका दुरुपयोग करता है। कोई काम नहीं करेगा, घर में बैठा रहेगा, सोया रहेगा कुछ न कुछ लिख देगा इसलिये इन सब चीजों के बारे में सही जानकारी भी देनी चाहिये। हालांकि समय लग गया होगा, हम तो कोशिश किये हैं कि संक्षेप में ही कुछ बता दें। इतना काम किया गया है कि अगर हम सब काम की चर्चा करेंगे तो आपलोगों को कई बार पानी पीने की जरूरत पड़ेगी। हमारे पुलिस वाले हैं वे सुबह से ऐसे ही यहां होंगे। यहां पर जो लोग अंदर बैठे हैं इनको तो कोई बात नहीं है। ज्यादा समय हम नहीं लेंगे, हम इतना ही आप को वचन देते हैं कि लोगों की सेवा करने में ही हमारी दिलचस्पी है। लोगों की सेवा करना ही हमारा धर्म है। इसी के आधार पर हम आगे चलते हैं।

दरअसल कोविड-19 संक्रमण से निपटने समेत बाढ़ और पुलों के संपर्क पथ के टूटने को लेकर कथित तौर पर मुद्दा बनाकर सोशल मीडिया में बिहार सरकार की कथित तौर पर हो रही आलोचना को लेकर सीएम नीतीश मुखर थे। उल्लेखनीय है कि नेता प्रतिपक्ष सह राजद नेता तेजस्वी यादव, लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान, जपा नेता पप्पू यादव और प्रशांत किशोर विभिन्न मुद्दों को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश ने अपने संबोधन में शिक्षकों की नियुक्ति और स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति को लेकर भी बात कही। उन्होंने कहा कि पंचायत और नगर निकाय शिक्षकों की नई सेवा शर्त शीघ्र लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन शिक्षकों की बेहतर सेवा शर्त के लिए नई नियमावली बनाई जा रही है। इसे शीघ्र लागू किया जाएगा। इन शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि का भी लाभ दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने आरा मिल संबंधी उद्योगों को राहत देने के लिये नया कानून लाने की बात कही। साथ ही राज्य के उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की हमारी नीति है। 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के दिन खिलाड़ियों के लिये 250 से अधिक पदों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन निकाला जायेगा।

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शनिवार को गांधी मैदान में सुबह नौ बजे झंडोत्तोलन किया। इसके बाद सीएम नीतीश ने मास्क लगाकर 11 टुकड़ियों की परेड की सलामी ली। कोरोना संक्रमण के चलते इस बार सिर्फ पासधारक ही गांधी मैदान समारोह में पहुंचे। इस बार झांकियां नहीं निकलीं। स्कूल-कॉलेज बंद हैं।