बिहार में फिर से लगेगा लॉकडाउन? मंत्री मंगल पाण्डेय का जवाब

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत कोरोना उन्मूलन कोष से 80 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस राशि से आवश्यक सामग्रियों की खरीद होगी। इस राशि से कोरोना के खिलाफ लड़ाई को और तेजी लाई जायेगी। उन्होंने कहा कि बिहार में अभी लॉकडाउन जैसे हालात नहीं हैं। राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या करीब 1500 है।

मंगल पांडेय ने बुधवार को बताया कि कोरोना के खिलाफ जंग में बिहार ने बाजी मारी है और अब भी सतर्क है। कोरोना महामारी के खिलाफ निर्णायक जंग के लिए विभाग अलर्ट पर है। विभागीय स्वीकृति के बाद इस महामारी से बचाव के एवं सभी आवश्यक सामग्री की खरीद के लिए विभाग ने बिहार चिकित्सा सेवाएं व आधारभूत संरचना निगम को यह राशि जारी किया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोराना महामारी एक बार फिर देश के विभिन्न हिस्सों में पांव पसार रही है। जिसका असर बिहार में भी देखने को मिल रहा है। कोरोना से दो-दो हाथ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। इस महामारी पर काबू पाने के लिए, अभी तक विशेषज्ञ कोरोना टेस्टिंग को सबसे प्रभावी तरीका मानते हैं। लिहाजा अधिकारियों व संबंधित अस्पतालों को स्पष्ट निर्देश है कि कोरोना जांच ज्यादा से ज्यादा तादाद में की जाए। मंत्री ने आम लोगों से अपनी बारी आने पर कोविड का टीका अवश्य लगाने की अपील की। कहा कि यह पूरी तरह सुरक्षित है। आज 1 अप्रैल को देश में 45 से ऊपर के लोगों को कोरोना वेक्सीनेशन की शुरुआत हो गई। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और उनकी पत्नी उर्मिला पांडेय ने IGIMS में कोरोना की पहली डोज ली।

दूसरी ओर, स्वास्थ्य विभाग के विडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी मंगलवार को जिले के स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने प्रधान सचिव के समक्ष इस समस्या को उठाया। सारण के सिविल सर्जन ने सऊदी अरब से आए एक व्यक्ति के नाम का उल्लेख करते हुए बताया कि उसने अकेले 17-18 लोगों को संक्रमित कर दिया है.अगर उसकी जांच एयरपोर्ट पर होती तो गांव में इस प्रकार का संक्रमण नहीं फैलता।