अगर आपको पेट पर बढ़ती चर्बी लोगों की चिंता बढ़ा रही है, इसके लिए लोग खाने-पीने में बदलाव से लेकर एक्सरसाइज सबकुछ करके हार चुके है और इसके बावजूद वज़न नहीं कम हो रहा है, ऐसे में लोग अब बेरिएट्रिक सर्जरी की ओर आकर्षित हो रहे है। मेटाबॉलिक और बेरिएट्रिक से जुड़ी मिनिमली इनवेसिव सर्जरी के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से पटना के बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल ने जागरुकता अभियान चलाया…. इस अवेयरनेस सेशन में मशहूर लेप्रोस्कोपिक और बेरिएट्रिक सर्जन डॉ. अभय कुमार, एमएस, FMAS, एफएएलएस (बेरिएट्रिक), ने संबोधित किया। डॉ. अभय कुमार, बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, पटना में बैरिएट्रिक, मिनिमल एक्सेस एंड जनरल सर्जरी विभाग के सीनियर कंसलटेंट हैं। इस दौरान डॉ. अभय कुमार ने लैप्रोस्कोपिक एंड रोबोटिक बैरिएट्रिक, मेटाबॉलिक और जीआई सर्जरी से जुड़ी लैटेस्ट तकनीक के बारे में जानकारी साझा की। उन्होंने मोटापे के बढ़ते खतरे और इसके सेहत पर असर को लेकर जानकारी दी।
मोटापा स्वास्थ्य के लिए बड़ी चुनौती
बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, पटना में बेरिएट्रिक, मिनिमल एक्सैस एंड जनरल सर्जरी विभाग के, सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अभय कुमार ने कहा, “मोटापा एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती के रूप में उभर रहा है और 1975 से लेकर अब तक इसका प्रभाव तीन गुना हो गया है जो कि भारत को विश्व में तीसरे पायेदान पर लता है ।
मोटापे से कई प्रकार के कैंसर होने की भी सम्भावना
उन्होंने कहा कि मोटापे को अपने आप में बहुत सारे बिमारियों के जनक के रूप में देखा जाता है, गौरतलब है कोलेस्ट्रोल, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, हड्डियों से संबधित रोग, डायबेटीज-2, लीवर, स्लीप डिसऑर्डर एवं किडनी संबधित बिमारिओं के साथ युवाओं में नपुंसकता जैसी बिमारिओं का होना साधारण होता जा रहा है। इसके अलावा मोटापे के कारण लड़कियों एवं औरतों में PCOD की समस्या सामने आ रही है, जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है। हालांकि मोटापे से कई प्रकार के कैंसर होने की भी सम्भावना बढ़ जाती है। इसके साथ यह सभी आयु वर्ग के लोगों में मानसिक अवसाद का भी कारण बन रहा है।
हालांकि, यदि मौजूदा आकड़ों की बात की जाये तो covid 19 के बाद ओबेसिटी से ग्रसित युवाओं में इन दोनों अचानक हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक की समस्या बढ़ी है।कुछ आंकड़ों पर गौर करें तो 2016 में 119 बिलियन एडल्ट लोग ओवरवेट थे और 650 मिलियन से ज्यादा एडल्ट मोटापे से जुड़ी समस्याओं से पीड़ित थे। रिसर्च में पता चला है कि मोटापे के कारण 80-85 फीसदी टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा रहता है। ऐसे में जरूरी है कि इस स्थिति से निपटने के लिए लाइफस्टाइल को बदला जाए और खान-पान की आदतें सुधारी जाएं। भारत में पिछले एक दशक में खासकर शहरी क्षेत्रों में मोटापे से ग्रसित लोगों की संख्या डबल हो गई है। इससे पर्यावरणीय फैक्टर के असर के संकेत मिलते हैं, जिसमें खान-पान की च्वाइस, एक्टिविटी लेवल और बिहेवरियल पैटर्न शामिल हैं।”
आधुनिक जीवनशैली में खान पान में सेदिन्ट्री लाइफस्टाइल, फ़ास्ट फ़ूड, फ्रोजेन फ़ूड एवं वासायुक्त खाने का चलन बढ़ने से मोटापे एवं इससे सम्बंधित बिमारिओं के अकड़े में काफी तेज़ी से उछाल देखने को मिल रहा है, नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के हिसाब से भारतीये बच्चों में भी मोटापे की समस्या काफी तेजी से बढ़ा रही है। भारत में महिलाओं में ओबेसिटी अनुपात बच्चों एवं पुरूषों के मुकाबले अधिक है साथही हमारे देश भारत में सेंट्रल ओबेसिटी के मरीज़ विश्विक अस्तर पर सबसे अधिक है जिस कारण यहाँ हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक की समस्या सभी वर्गों में काफी तेज़ी से बढ़ रही है।
मालूम हो कि नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के हिसाब से मोटापे से कई प्रकार के कैंसर होने की भी सम्भावना । बच्चों में मोटापा बहुत ही चिंताजनक है क्योंकि इससे सेहत पर असर पड़ता है और जीवन में आगे चलकर इसके गलत प्रभाव भी हो सकते हैं। अनुमान के हिसाब से सिर्फ 2016 में 5 साल की उम्र से नीचे के करीब 41 मिलियन बच्चे ओवरवेट या मोटापे की कैटेगरी में पाए गए। इसी के मद्देनजर ऐसे अवेयरनेस सेशन आयोजित किए जा रहे हैं ताकि लोगों को मोटापे से होने वाली मुश्किलों के बारे में जागरूक किया जा सके और वो अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर करने समेत अन्य विकल्पों का इस्तेमाल कर सकें।
डॉ. अभय कुमार ने बताया कि , “मोटापे से टाइप-2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, एसिड रिफ्लक्स, ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया, पॉलिसिस्टिक ओवेरियन डिजीज, जोड़ों का दर्द और तनाव जैसी शिकायत हो जाती है।
डॉ. अभय कुमार ने मोटापे कि समस्याओं का अवलोकन करते हुए बताया कि नियंत्रित खान पान, नियमित व्यायाम से काफी हद तक इसे नियंत्रित करने के साथ साथ इनसे जूडी बीमारों से भी बचना आसान है। उन्होंने बताया कि बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, पटना में नियमित रूप से हर बुधवार एवं शनिवार को प्रिवेंटिव एंड सर्जिकल ओबेसिटी OPD की सुविधा उपलब्ध कराती है, जहाँ लोगों को मोटापे से होने वाली मुश्किलों के बारे में जागरूक करने, मरीजों को अपनी लाइफस्टाइल को बेहतर करने समेत अन्य विकल्पों का इस्तेमाल करने पर ज़ोर दिया जाता है।
लेटेस्ट तकनीक के जरिए सर्जरी की सलाह
मरीजों को ज़रुरत पड़ने पर लेटेस्ट तकनीक के जरिए सर्जरी की सलाह भी दी जाती है। गौरतलब है कि यहाँ मौजूद स्टेट ऑफ आर्ट टेक्नोलॉजी के साथ हमारी विशेषज्ञता के चलते मरीजों के लिए बेहतर रिजल्ट आते हैं और उनके जीवन में सुधार आता है। आपको बता दें कि बेरिएट्रिक सर्जरी के जरिए 6-12 महीनों के अंदर ही मरीजों में आम तौर पर 60-80 फीसदी ओवरवेट घटते हुए देखा गया है।” साथ ही साथ सम्बंधित बिमारियों से छुटकारा मिलने की सम्भावना भी बनतीं है।
बिहार में इस क्षेत्र के पहले पहले एवं विश्वनिये अस्पताल, बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, पटना के बेरिएट्रिक, मिनिमल एक्सेस एंड जनरल सर्जरी विभाग पहले से ही मरीजों को शानदार सर्जरी एक्सपीरियंस देने के लिए जाना जाता है। यहां मरीजों की बहुत ही अच्छे ढंग से देखभाल की जाती है, यहां बेहद अनुभवी एक्पर्ट डॉक्टर्स हैं, और मुश्किल से मुश्किल सर्जरी के मामले में उन्नत तरीके से समाधान निकाला जाता है।
You must be logged in to post a comment.