कभी बेहद करीबी रहे अमिताभ बच्चन और अमर सिंह के बीच आई दरार के बाद अब जिंदगी और मौत से जूझ रहे क्षणों में अमर सिंह ने अमिताभ बच्चन से माफी मांगी है। आपको बता दें कि इस समय अमर सिंह सिंगापुर के एक अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका गुर्दा से संबंधित इलाज कराया जा रहा है।
वीडियो संदेश में जताया खेद
अमर सिंह ने अस्पताल से ही एक वीडियो संदेश में कहा कि बच्चन परिवार के दिल में मेरे लिए नफरत है। मैंने उनके खिलाफ कठोर टिप्पणियां की थीं।
राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने बच्चन परिवार और अमिताभ बच्चन से माफी मांगी है। उनका कहना है कि जिंदगी के इस मोड़ पर जब मैं जिंदगी और मौत से लड़ रहा हूं तब मुझे अपने बयान को लेकर पछतावा है। वीडियो जारी करते हुए सिंह ने कहा कि इतनी तल्खी के बावजूद यदि अमिताभ बच्चन उन्हें जन्मदिवस पर, उनके पिता की पुण्यतिथि पर मैसेज करते हैं मुझे अपने बयान पर खेद प्रकट कर देना चाहिए।
ट्वीट कर मांगी माफी
Today is my father’s death anniversary & I got a message for the same from @SrBachchan ji. At this stage of life when I am fighting a battle of life & death I regret for my over reaction against Amit ji & family. God bless them all.
— Amar Singh (@AmarSinghTweets) February 18, 2020
अमर सिंह ने ट्वीट कर कहा, ’आज मेरे पिता की पुण्यतिथि है और इसे लेकर मुझे अमिताभ बच्चन जी से संदेश मिला। जीवन के इस पड़ाव पर जब मैं जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहा हूं मुझे अमित जी और उनके परिवार के खिलाफ अपनी प्रतिक्रिया के लिए खेद है। ईश्वर उन सभी को आशीर्वाद दे।’
ऐसे आई थी रिश्ते में दरार
पढ़िये अमर सिंह की पूरी बातें
पूर्व सपा नेता ने कहा, ’सिंह ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से मैं बच्चन परिवार से न केवल अलग रहा बल्कि मैंने ये भी प्रयत्न किया कि उनके दिल में मेरे लिए नफरत हो। मगर आज फिर अमिताभ बच्चनजी ने मेरे पिताजी का सुमिरन किया। तो मुझे ऐसा लगा कि, इसी सिंगापुर में गुर्दे की बीमारी के लिए मैं और अमित जी दो महीने तक साथ रहे और उसके बाद हमारा और उनका साथ छूट सा गया। 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी उनकी निरंतरता में कोई बाधा नहीं आई। वे लगातार अनेक अवसरों पर अपने कर्तव्य का निर्वहन करते रहे।’
बच्चन परिवार से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा, ’मुझे लगता है कि मैंने अनावश्यक रूप से ज्यादा उग्रता दिखाई। मैं जिंदगी और मौत की चुनौती से गुजर रहा हूं। मुझे लगता है कि सार्वजनिक रूप से, वे उम्र में मुझसे बड़े हैं उनके प्रति नरमी रखनी चाहिए थी। जो कटु वचन मैंने बोले हैं उनके लिए खेद भी प्रकट कर देना चाहिए। मेरे मन में कटुता और नफरत से ज्यादा उनके व्यवहार के प्रति निराशा रही लेकिन उनके मन में न तो निराशा है और न ही कटुता।’
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