नीतीश कैबिनेट जल्द ही ले सकती है बड़ा फैसला: सड़क दुर्घटना के घायल पीड़ितों को पहुंचाएं अस्पताल और पाएं 5 हजार का इनाम

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बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident) को लेकर एक ओर जहां सरकार इन पर नियंत्रण के लिए तमाम तरह के उपाय और एहतियात बरत रही है। वही, अब परिवहन विभाग ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले अच्छे लोगों (गुड सेमेरिटन) को नकदी देने का निर्णय लिया है। जिसके तहत सड़क दुर्घटना के घायल पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने वालों को 5 हजार का नकद इनाम मिलेगा। विभाग की ओर से तैयार यह प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट को भेजा जाएगा।

बतादें कि बिहार में सड़क दुर्घटना होने पर घायलों को अस्पताल पहुचाने वालों की संख्या काफी कम है। दरअसल दुर्घटना के बाद ज़यादातर मौतें गोल्डन आवर यानी एक घंटे का समय में उपचार नहीं मिल पाने के कारण होती है। वहीं अगर घायलों को बिना किसी देरी के अस्पताल पहुंचा दिए जाए, तो जान-माल का नुकसान कम किया जा सकता है। इसलिए विभाग ने लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए नकदी देने का निर्णय लिया है। अब तक ऐसे लोगों को केवल स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाता रहा है। इसके तहत 2018 में 70, 2019 में 117, 2020 में 245 व 2021 में 165 लोगों को सम्मानित किया जा चुका है। विभाग को भरोसा है कि नकदी देने से घायलों को अस्पताल पहुचाने वालों की संख्या बढ़ेगी।

पुलिस दबाव नहीं बना सकती

नई वयवस्था में सड़क दुर्घटना में घायलों की बेहिचक मदद करने वालों को पुलिस जबरन गवाह नहीं बना सकती है। घायल व्यक्ति की मदद करने वाले से पुलिस पदाधिकारी अपना नाम, पहचान व पता देने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। यदि कोई गुड सेमेरिटन पुलिस थाने में स्वेच्छा से जाने का चयन करता है तो उससे बिना किसी अनुचित विलंब के एक तर्कसंगत और समयबद्ध रूप से एक ही बार में पूछताछ की जाएगी। मदद करने वाले को पुलिस व अस्पताल प्रशासन से किसी प्रकार की परेशानी ना हो इसके लिए बिहार सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा गुड सेमेरिटन से संबंधित प्रावधानों को बोर्ड पर मुद्रित करा कर सभी 38 जिलों में मत्वपूर्ण स्थानों जैसे सरकारी कार्यालय परिसर, अस्पताल परिसर के मुख्य जगहों पर लगाये गए हैं। घायलों की मदद करने वाले की रक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार एवं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी कर दिशा निर्देश दिए गए हैं।

अस्पताल को जारी निर्देश में कहा गया

किसी परिस्थिति में जख्मी को निकटवर्ती सरकारी/निजी अस्पताल में लेकर आने वाले गुड सेमेरिटन से किसी तरह के रजिस्ट्रेशन शुल्क या अन्य संबंधित पैसे की मांग नहीं की जाएगी। मांग तभी की जा सकती है जब जख्मी को लाने वाला व्यक्ति उसका संबंधी हो। जख्मी का इलाज करना अस्पताल की सर्वोच्च प्राथमिकता है, क्योंकि इलाज में विलंब से जान जा सकती है।

गौरतलब है कि इससे पहले बिहार सरकार ने राज्य में सड़क दुर्घटना की स्थिति में मृतक के आश्रितों को 5 लाख जबकि गंभीर रूप से घायल को ढाई लाख रुपए मुआवजा (Road Accident Compensation) के तौर पर प्रदान करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही अब मृतक के आश्रित या घायल व्यक्ति को इस बात का प्रमाण देना जरूरी नहीं होगा कि दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने के दौरान गाड़ी मालिक या फिर उस पर सवार व्यक्ति से कोई गलती हुई है.