पंचायत परामर्शी समिति के गठन पर कैबिनेट की मुहर: मुखिया होंगे समिति के अध्यक्ष, पहले की तरह निर्वाचित प्रतिनिधि करेंगे काम, केवल बदलेगा पदनाम, वेतन भत्ता भी मिलेगा

मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की अहम बैठक में कुल 11 एजेंडों पर मुहर लगाई गयी, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा पंचायती राज को लेकर लिया गया फैसला है। इसमें त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को लेकर बड़ा फैसला हुआ है। कैबिनेट ने पंचायती राज संस्थाओं के संचालन के लिए परामर्शी समिति बनाने को मंजूरी दे दी है। अब 16 जून से पंचायती राज संस्थाओं का कामकाज परामर्शी समिति ही देखेगी। इससे पिछली कैबिनेट मीटिंग में पंचायती राज अधिनियम में संशोधन को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट ने इसके अलावा 9 अन्य एजेंडों पर भी मुहर लगाई है।

परामर्शी समिति में अब कौन-क्या करेगा, तय हुआ

15 जून के बाद पंचायत और ग्राम कचहरी के निर्वाचित प्रतिनिधि पूर्व की तरह काम करेंगे। पर, इनका पदनाम बदल जाएगा। 16 जून से यह सभी प्रतिनिधि बतौर परामर्शी समिति अध्यक्ष और सदस्य के रूप में काम करेंगे।

मुखिया संबंधित ग्राम पंचायत की परामर्श समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे। उप-मुखिया उपाध्यक्ष एवं ग्राम पंचायत सदस्य (वार्ड सदस्य), सदस्य कहलाएंगे।सरपंच संबंधित ग्राम कचहरी की परामर्श समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे। उप-सरपंच, उपाध्यक्ष एवं पंच, सदस्य कहलाएंगे।
पंचायत समिति प्रमुख, संबंधित पंचायत समिति की परामर्श समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे। उप-प्रमुख उपाध्यक्ष एवं पंचायत समिति सदस्य, सदस्य कहलाएंगे।

इसके अलावा पंचायत समिति के सभी कार्यक्षेत्र के विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा एवं राज्यसभा के माननीय निर्वाचित सदस्य भी समिति के सदस्य होंगे। समिति के कार्यक्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों के परामर्शी के अध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे।

जिला परिषद अध्यक्ष, संबंधित जिला परिषद की परामर्श समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे। उप-जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं जिला परिषद के सदस्य, सदस्य कहलाएंगे। इसके अलावा जिला परिषद के कार्यक्षेत्र के विधानसभा, विधान परिषद, लोकसभा एवं राज्यसभा के माननीय निर्वाचित सदस्य भी परामर्शी समिति के सदस्य होंगे।

कार्यपालक पदाधिकारी की भूमिका प्रखंड विकास पदाधिकारी की होंगी। इस दौरान निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को वेतन व भत्ता भी मिलता रहेगा। यह व्यवस्था आगामी चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायत के गठन तक जारी रहेगी।

कोरोना के कारण टल गया है पंचायत चुनाव

गौरतलब है कि नीतीश सरकार ने पंचायत चुनाव को लेकर अहम फैसला लिया था। बिहार में नीतीश सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों को विस्‍तार यानी एक्‍सटेंशन नहीं देने का फैसला लिया था। दरअसल, बिहार के कोरोना के कारण समय पर पंचायत चुनाव नहीं हो सके। इस वजह से पंचायतों में परामर्श समिति का गठन होगा। इसके तहत बिहार में पंचायत, ग्राम कचहरी, पंचायत समिति, जिला परिषद में परामर्शी समिति का गठन किया जाना है।

राज्य त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों की संख्या

राज्य त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था एवं ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों की कुल संख्या 258760 है जिसमें से मृत एवं इस्तीफा त्यागपत्र देने के बाद अभी लगभग ढाई लाख त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि गांवों की विकास प्रक्रिया से सीधे तौर पर जुड़े हैं। ये प्रतिनिधि राज्य के 80 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों और लोगों का सीधा प्रतिनिधित्व करते हैं। परामर्शी समिति के सदस्य बने रहने से अब ये अपने गांव, प्रखंड और जिला परिषद क्षेत्र के विकास कार्यों के लिये सुझाव तो दे ही पायेंगे। इससे अपने क्षेत्र के लोगों से ये अगले चुनाव तक जुड़े रहेंगे।

वहीं अभी बिहार में कुल 8387 ग्राम पंचायतों में मुखिया सरपंच, उप मुखिया और उपसरपंच है। वही 114667 पंच और वार्ड सदस्य है। जिला परिषद सदस्यों की संख्या 1161 तथा पंचायत समिति सदस्यों की कुल संख्या 11491 हैं।

जानें कैबिनेट में किन प्रमुख एजेंडा पर मुहर लगा है

  • पटना बिहटा एलिवेटेड सड़क के लिए 456 करोड़ रुपये स्वीकृत
  • कोविड 19 संक्रमण से हुई मौत पर मिलेगा मुआवजा
  • महामारी के दौरान कोविड से मरने वालों के परिवार को 4 लाख रुपये बतौर मदद देगी सरकार
  • आयुष डॉक्टरों को जल्द होगी नियुक्ति
  • आयुष चिकित्सक नियमावली 2021 को हरी झंडी
  • दंगा निरोधी गाड़ियां खरीदने के लिए 36 करोड़ रुपये स्वीकृत
  • मनरेगा के लिए 117 करोड़ रुपये स्वीकृत
  • बिहार ग्राम कचहरी सचिव नियमावली 2014 और बिहार न्यायमित्र नियमावली 2009 के नियम 9 में संसोधन
  • बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम 2011 से जुड़ा कृषि विभाग को लेकर विशेष फैसला लिया गया
  • वित्तीय वर्ष 2021-22 में बिहार आकस्मिकता निधि से दी गई राशि
  • कोविड महामारी के खिलाफ लड़ाई व मृतकों के लिए कुल 300 करोड़ रुपये स्वीकृत
  • परामर्शी समिति में अध्यक्ष-सदस्य बनाने के प्रस्ताव पर मुहर