कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्राचार्य तपन कुमार शांडिल्य बोले, बच्चों का होता है प्राकृतिक और सामाजिक संसार , शिक्षक एवं छात्रों का विभिन्न स्तर पर सामाजिक सम्मान अति आवश्यक

बिहार मैथमेटिकल सोसाइटी के तत्वावधान में दिनांक 29.8.2021 को ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  श्रीकांत शास्त्री राज्य परियोजना निदेशक ने कहा कि बिहार मैथमेटिकल सोसायटी के द्वारा प्रत्येक शनिवार एवं रविवार के जो प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए एक सराहनीय कदम है उन्होंने कहा कि छात्रों को अपनी योग्यता और उसके रुचि के अनुसार पढ़ने की स्वतंत्रता अवश्य है, इसके लिए आत्मविश्वास पैदा करना, शिक्षकों में अभिप्रेरणा एवं गुणवत्ता का प्रदर्शन करना एक चुनौती है। शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए स्मार्ट क्लासेस, नई तकनीकी आधारित शिक्षा, अनुसंधान सूचना एवं संचार का साधन का उपयोग भी आवश्यक है। मालूम हो कि बिहार मैथमेटिकल सोसायटी की स्थापना 1 फरवरी 1958 को की गई थी।

मुख्य वक्ता डॉ वी राघवेंद्र ,पूर्व प्रो गणित विभाग आईआईटी कानपुर डिफरेंशियल इक्वेशन एवं उसके एप्लीकेशन पर विस्तृत रूप से चर्चा की।

योग्यता के आधार पर होनी चाहिए प्रशिक्षण की व्यवस्था

अभयानंद, पूर्व पुलिस महानिदेशक बिहार सरकार कहां की बच्चों के सतत मूल्यांकन आवश्यक है एवं बच्चों की योग्यता के आधार पर इनकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए। विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र कुमार सिन्हा, क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक शिक्षा विभाग पटना प्रमंडल पटना कहां की ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों को प्रभावशाली बनाने के लिए सभी अभिभावक, शिक्षाविद को आगे आने की आने की आवश्यकता है।

बच्चों का होता है प्राकृतिक और सामाजिक संसार

प्रोफेसर तपन कुमार शांडिल्य, प्राचार्य कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एंड साइंस पटना ने कहा कि बच्चों का प्राकृतिक और सामाजिक संसार होता है, जिसमें उनका आपसी संबंध शामिल हैं, जो उन्हें यह समझाता है कि चीजें ऐसी क्यों है, इनके कारणों और प्रभावों के बीच संबंध और निर्णय तथा कार्य करने के आधार क्या है। इस प्रकार मनोवृत्तियां, भावनाएं और मूल्य बोधात्मक विकास के अविभाज्य हिस्से हैं और यह भाषा के विकास, मानसिक प्रदर्शन, संकल्पना और तर्क षक्ति के विकास से जुड़े हैं।

जैसे-जैसे बच्चे की भौतिक अवबोधात्मक क्षमताएं विकसित होती हैं वे अपनी मान्यताओं के बारे में और अधिक सजग हो जाते हैं तथा उनकी अपने अधिगम को नियमन करने में सक्षम बनते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक एवं छात्रों को एक्सीलेंस अवार्ड, आदर्श शिक्षकों एवं मेधावी छात्रों को विभिन्न स्तर पर सामाजिक सम्मान किया जाना अति आवश्यक है।

बच्चों के नामांकन में हुई है अप्रत्याशित वृद्धि

अमित कुमार ,जिला शिक्षा पदाधिकारी पटना ने अतिथियों को स्वागत करते हुए कहा कि सरकार के द्वारा छात्र कल्याणकारी योजना के माध्यम से बच्चों के नामांकन में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है परंतु गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए एक आधारभूत संरचना के साथ अभिभावकों एवं विद्वत जन को समर्थन आवश्यक है। प्रो विजय कुमार, संयोजक सह संयुक्त सचिव बिहार मैथमेटिकल सोसायटी ने बताया कि टैलेंट सर्च टेस्ट इन मैथमेटिकल ओलंपियाड एवं टैलेंट नरचर कार्यक्रम के माध्यम से कक्ष 6 से 12, स्नातक एवं स्नातकोत्तर एवं प्रतियोगिताओं के आधारित प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रतियोगिता परीक्षा के लिए आनलाईन आवेदन www.bmsbihar.org एवं ऑफलाईन आवेदन भी जमा कालेज आफ कॉमर्स पटना मे कर सकते हैं। कार्यक्रम संयोजक के रूप में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा श्याम नंदन प्रसाद, अरुण दयाल एवं आशुतोष कुमार श्रीवास्तव,  गुड्डू कुमार उपस्थिति हुए।