‘कलम सत्याग्रह’ अभियान प्रमंडलीय संवाद के बाद अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए ज़िले तथा प्रखंडों तक ले जायेगी- आनन्द माधव

प्रेस विज्ञप्ति
03 जून, 2023: पटना
‘कलम सत्याग्रह’ अभियान प्रमंडलीय संवाद के बाद अपने अभियान को आगे बढ़ाते हुए ज़िले तथा प्रखंडों तक ले जायेगी- आनन्द माधव
आज बिहार दलित विकास समिति के पटना अवस्थित कार्यालय कलम सत्याग्रह के कार्यकारिणी की बैठक में बोलते हुए इसके संयोजक आनन्द माधव ने ये बातें कही।इस विस्तारित बैठक में विभिन्न ज़िलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए आनन्द माधव ने कहा कि अगर समाज में बदलाव लाना है नकारात्मक राजनीतिक बहस को सकारात्मक बहस में बदलना होगा।इसके लिये शिक्षा ही एकमात्र सर्वोत्तम माध्यम है।उन्होंने कहा कि पूरे देश में शिक्षा व्यवस्था चरमराई हुई है। शिक्षा नीति के नाम पर नये प्रयोग हो रहे हैं, पर बुनियादी शिक्षा में सुधार नहीं हो पा रहा। शिक्षा व्यापार बना हुआ है और सरकारी शिक्षा व्यवस्था बद से बदतर स्थिति में होती चली जा रही है। आज की बैठक का मूल उद्देश्य यह है कि कलम सत्याग्रह के अभियान को कैसे प्रभावी ढंग से ज़िले और प्रखंड स्तर तक ले ज़ाया जाय। शिक्षा जब तक राजनीतिक मुद्दों में शामिल नहीं होता,  एक आम चर्चा का विषय नहीं बनता तब तक कलम सत्याग्रह ये लड़ाई लड़ता रहेगा।
आरटीआई फोरम के अध्यक्ष डॉ अनिल कुमार राय ने कहा कि हम सब अपनी ज़रूरत के लिये काम करते हैं। शिक्षा हमारी जरूरत अब तक नहीं बन पाई है। बिहार के शिक्षा एवं मानव विकास से जुड़े विभिन्न संगठनों ने संयुक्त रुप से बिहार में शिक्षा की बदहाली पर चिंता प्रकट करते हुए एक साथ नागरिक आंदोलन की परिकल्पना की है जिसका नाम है कलम सत्याग्रह और उद्देश्य है शिक्षा को मानव ज़रूरत बनने तक संघर्ष करते रहना।अशिक्षा ही सारी समस्याओं की जड़ है। इसे दूर करनें के लिये सबको आगे आना होगा। आज हमारी शिक्षा प्रणाली आई सी यू में है।
शिक्षा का मुद्दा हम सब से जुड़ा हुआ है, सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था ही एकमात्र विकल्प है। समाजसेवी ग़ालिब खान ने कहा कि हमलोगों ने शून्य से शुरू किया था और कुछ दूर चले हैं। अभी बहुत दूर चलना है। हर प्रखंड स्तर पर इस अभियान को चलाने के लिये लोगों को प्रशिक्षित करना होगा जोड़ना होगा।उन्होंने कहा कि हमलोगों में से ही किसी को इस सत्याग्रह को चलाने के लिये गाँधी बनना पडेगा। अम्बेडकर विद्यार्थी मंच के सत्येंद्र कुमार सत्याग्रह ने कहा कि इस अभियान से युवाओं और जन प्रतिनिधियों को जोड़ने की आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे अन्य संस्थाओं को भी साथ लाना होगा।शिक्षा के वैधानिक एवं लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाये रखनें का प्रयास करते रहना होगा।डा. मधुबाला ने कहा कि एक योजना बना कर इस अभियान को ज़मीन पर उतारनें की ज़रूरत है।प्रो शशी कुमार सिंह ने का कि हर तरह के विकास की धुरी में शिक्षा। कलम सत्याग्रह का यह प्रयास अत्यंत ही सराहनीय है। बिहार दलित अधिकार मंच के अध्यक्ष कपिलेश्वर राम ने कहा कि कलम सत्याग्रह को हम इस रूप में देखते हैं कि यह हमारे लिये लोगों तक पहुँचने का माध्यम है। हम शिक्षा में सुधार करके ही कुछ हासिल कर सकते हैं।बिहार दलित विकास समिति के अध्यक्ष फादर जोस करियाकट जो आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता भी कर रहे थे ने कहा कि कलम सत्याग्रह को ज़िलों में ले जाने के साथ साथ हमें हर ज़िले में लोगों से जुड़ने के लिये उनकी समस्याओं को समझना पड़ेगा । इसके लिये अगर संभव हो तो सर्वे भी कराया जा सकता है।
टी ई टी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा कि हर ज़िले में कलम सत्याग्रह के संगठन को  तैयार कर उसे लोगों से जुड़ने स्थानीय समस्याओं को समझने का प्रशिक्षण भी देना आवश्यक है।बैठक को धनंजय कुमार, रवि प्रकाश सूरज, निर्मल कुमार, नारायण पासवान, रवीन्द्र पासवान, जगत भूषण, सत्येंद्र कुमार शांडिल्य, सुजीत कुमार, अवधेश पासवान, मितेंदू, राकेश कुमार, सिस्टर वीणा जैकोब, रंजन जोसेफ, अशरफ़ शरीफ़ , रामकृष्ण, मो अजमल अली, मो कबीर अनवर आदि ने भी संबोधित किया।
अंत में कलम
सत्याग्रह के संयोजक आनन्द माधव अपने धन्यवाद ज्ञापन में कहा कि कोर कमेटी के साथ विचार विमर्श करने के बाद शीघ्र ही कलम सत्याग्रह के ज़िला एवं प्रखंड कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जायेगा।पर यह निरंतरता जारी रहेगी।
प्रकाशनार्थ
सधन्यवाद
आनन्द माधव
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