कोरोना से लड़ने का सबसे कारगर उपाय टीकाकरण ही है, बेहतर टीका आने का बेवजह इंतजार ना करें,सभी टीके हैं सुरक्षित – एम्स पटना

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के पटना स्थित पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) एवं रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी) तथा एम्स पटना के संयुक्त प्रयास से आज “कोरोना की दूसरी लहर, टीकाकरण और ब्लैक फंगस एवं हमारी तैयारियां” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में दूरदर्शन एवं आकाशवाणी सहयोगी मीडिया इकाई के रूप में शामिल थे।

वेबिनार को संबोधित करते हुए एम्स पटना के निदेशक डॉ पी के सिंह ने कहा कि देश और दुनिया में कोविड-19 की अचानक आई दूसरी लहर के पीछे लोगों की गलतियों, व्यवस्थागत कमियाँ, कोविड नियमों में पालन में चूकआई , सुपरस्प्रेडर कार्यक्रमों के आयोजनों, बहुत सारे लोगों का एक जगह पर मिलने–जुलने जैसी घटनाओं को इसके पीछे की वजह माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि पहली लहर से लेकर अब तक पटना एम्स का योगदान अतुलनीय रहा है। पटना एम्स ने कोविड-19 संक्रमितों के इलाज के लिए ना केवल विभिन्न हॉस्पिटलों, डॉक्टरों व संस्थाओं को प्रशिक्षण देने का काम किया है बल्कि इस महामारी के खिलाफ पटना एम्स ने जन जागरण का भी काम बखूबी निभाया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के इस जंग में पटना एम्स अपनी भूमिका यूं ही अदा करता रहेगा।

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के अपर महानिदेशक एस के मालवीय ने कहा कि महामारी के इस दौर में लोगों के मन में तरह-तरह की आशंकाएं घर की हुई हैं। चाहे बात तीसरी लहर की हो, ब्लैक फंगस की या फिर कौन सी वैक्सीनेशन सबसे बढ़िया है इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उन्हीं आशंकाओं के निराकरण हेतु आज एम्स के विभिन्न विभागों के डॉक्टरों को वेबिनार के माध्यम से जोड़ा गया है ताकि लोगों के बीच फैली भ्रांतियों को दूर किया जा सके।

वेबिनार को संबोधित करते हुए पीआईबी, पटना के निदेशक दिनेश कुमार ने कहा कि कोविड के इस दौर में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न मीडिया इकाइयों की भूमिका अति महत्वपूर्ण हो जाती है। पीआईबी इस बात को सुनिश्चित करता है कि लोगों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचे। उन्होंने कहा कि लोगों में कोविड-19 को लेकर किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति ना रहे, इन्हीं उद्देश्यों के साथ आज के इस वेबिनार का आयोजन किया गया है।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल डॉ.संजीव कुमार, एम्स पटना के एडिशनल प्रोफेसर (सीटीवीएस विभाग एवं नोडल अधिकारी कोविड-19) ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पाना तीसरी लहर को लेकर हमारी तैयारियों की नींव होगी। उन्होंने कहा कि कोविड के रोकथाम में हॉस्पिटलों – आइसोलेशन सेंटर, कोविड केयर हॉस्पिटल, डेजिग्नेटेड कोविड हॉस्पिटल एवं डेडिकेटेट कोविड हॉस्पिटल की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि कोविड दरअसल एक फेफड़े की बीमारी है। इस बीमारी में रक्त धमनियों में खून जम जाता है, जिसके वजह से मरीज को ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। उन्होंने कहा कि पहली लहर में कोरोना का संक्रमण जितनी तेजी से होता था, उसका इलाज भी उतनी ही तेजी से हो रहा था। लेकिन दूसरी लहर में शुरुआत में इसका प्रभाव या तो दिखता ही नहीं है या कम दिखता है, लेकिन बाद में इसका प्रसार तेजी से होता है, जिससे कि मरीज के इलाज में भी मुश्किल आती है। उन्होंने कहा कि तथ्यों को स्वीकार ना करना और अपनी परेशानी खुल कर ना बताना कोरोना के बढ़ते प्रसार का एक प्रमुख कारण रहा है। इस बीमारी से लड़ने और इसे दूर करने का मंत्र बताते हुए उन्होंने ए बी सी का एक सूत्र बताया जिसका अर्थ है – एक्सेप्ट द चैलेंज, बी अवेयर ऑफ फिलिंग्स एवं करेजियस टू फेस इट। कोरोना के संक्रमण की जांच के लिए सबसे आसान उपाय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि घर के किसी कमरे में ही 6 मिनट टहलना और उसके बाद ऑक्सीजन लेवल मापना सबसे उत्तम टेस्ट है। अगर ऑक्सीजन लेवल पहले की अपेक्षा 3 से 5 परसेंट कम आता है तो अस्पताल जाने की जरूरत है। कोरोना के इलाज में पटना एम्स मॉडल की उन्होंने विस्तार से चर्चा की।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल एम्स, पटना के असिस्टेंट प्रोफेसर (ट्रॉमा एंड इमरजेंसी) एवं क्लीनिकल कोऑर्डिनेटर COVID-19 डॉ. नीरज कुमार ने कहा कि म्यूकर माइकोसिस (Mucormycosis) जिसे आमतौर पर ब्लैक फंगस कहा जा रहा है, यह नमी वाले क्षेत्र में या सड़े-गले जगहों पर इसका प्रसार अधिक होता है। उन्होंने बताया कि अब तक 20 राज्यों के 13000 लोगों में इस बीमारी के लक्षण देखे गए है। डायबिटीज, कैंसर, लीवर व अंग प्रत्यारोपण, आदि जैसे कुछ गंभीर बीमारी के रोगियों या कोई ऐसा व्यक्ति जिसे लंबे समय से कोई न कोई बीमारी की दवा चल रही है, ऐसे लोगों में इस बीमारी के होने की ज्यादा संभावना है। इस बीमारी के चिकित्सकीय बारीकियों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जो तीन नए विषाणु ब्लैक , वाइट और येलो आज चर्चा में हैं दरअसल इनके प्रभाव के कारण नाम दिया गया है। इस संक्रमण के एहतियात की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा की सबसे पहले तो अपनी बीमारी और उसके सभी लक्षणों का विस्तार से अपने डॉक्टर के पास चर्चा करनी चाहिए। डॉक्टर को हर एक बात से अवगत कराना जरूरी है। इसके साथ हमें साफ सफाई का ख्याल रखना चाहिए। नमी और सड़े गले जगहों पर जाने से परहेज रखना और अपने अंदर हो रहे हर एक बदलाव का बारीकी से निरीक्षण करना चाहिए। बिना किसी डॉक्टरी सलाह के किसी भी दवा का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए। किसी भी तरह के लक्षण के दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करने में बिल्कुल देरी नहीं करनी चाहिए।

वेबिनार में अतिथि वक्ता के रूप में शामिल एम्स, पटना के असिस्टेंट प्रोफेसर (एनेस्थिसियोलॉजी) एवं क्लीनिकल कोऑर्डिनेटर COVID-19 डॉ. अभ्युदय कुमार ने कहा कि पूरी दुनिया भर में टीकाकरण के मामले में भारत तीसरे स्थान पर है और बिहार पूरे देश भर में आठवें स्थान पर। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से लड़ने का सबसे कारगर उपाय टीकाकरण ही है इसलिए सभी को टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेहतर टीका आने का बेवजह इंतजार नहीं करना चाहिए। वर्तमान में जो मौजूद टीके उपलब्ध हैं, उन्हें लगवाने के लिए आगे आना चाहिए, क्योंकि देरी करने से संभव है कि खतरा बढ़ भी सकता है। टीकाकरण को लेकर उठाए जा रहे सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि सभी टीको का फेज वाइज क्लीनिकल ट्रायल किया गया है। किसी भी फेज को नजरअंदाज नहीं किया गया है। अतः सभी टीके पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि टीके के निर्माण में किसी भी स्टैंडर्ड में कोई कमी नहीं की गई है।

वेबिनार में सह संचालक और अतिथि वक्ता के रूप में शामिल एम्स, पटना की एडिशनल प्रोफेसर एवं हेड (बर्न, प्लास्टिक एंड रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी) डॉ. वीणा सिंह ने वेबिनार के आयोजन की विस्तृत रूपरेखा श्रोताओं के बीच रखी। उन्होंने कहा कि एक ऐसे समय में जब लोगों के मन में ब्लैक फंगस, टीकाकरण एवं कोविड को लेकर तमाम तरह के सवाल मन में पैदा होते रहते हैं, ऐसे में एक सार्थक जानकारी उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें टीकाकरण के बाद भी नियमों का सख्ती से पालन करते रहना चाहिए।

वेबिनार का संचालन करते हुए पीआईबी के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि भारत ने कोरोना के पहले वेब का मुक़ाबला किया फिर दूसरी लहर से लड़ रहे है। मुक़ाबले के लिए टीकाकरण जारी हैऔर यकीनन जीत मिलेगी ।
वेबिनार में आरओबी, पटना के निदेशक विजय कुमार; दूरदर्शन पटना की उप-निदेशक श्वेता सिंह, सहायक निदेशक सलमान हैदर, आकाशवाणी के सहायक निदेशक के के लाल, विभिन्न जिलों के संवाददाता, आरओबी-एफओबी के अधिकारी एवं कर्मचारी सहित आम-जन शामिल थे।