इस गणतंत्र जन-गण के इन नायकों को भी सलाम कीजिए…

71 Republic Day 2020

भारत का गणतंत्र 71वें साल में प्रवेश कर चुका है इन सालों में देश में जहां विकास की कई नई इबारते लिखी, वहीं कई सवाल आज भी जस के तस पड़े हैं। इस दौर में सियासत का मन और मिजाज दोनों बदला तो साथ ही बदल गई लोगों की सोच। परिवार सिमटते हुए एकल होने लगे जरूरतें बढ़ती गई और समाज का दायरा भी संकुचित हो खुद के फायदे तक ही सीमित हो गया। पर इन सबके बीच कुछ वैसे लोग भी हैं जो खुद की परवाह नहीं करते हुए समय और समाज में सकरात्मक परिवर्तन का अलख जगा रहे हैं। ये जनगण के असली नायक हैं इनकी छोटी छोटी कोशिशों से समाज का अंधियारा मिट रहा है और भर रही हैं उम्मीद की रौशनी। गणतंत्र दिवस के मौके पर विवेक चंद्र बता रहे हैं पटना के तीन जनगण के नायकों की कहानी।

पर्यावरण बचाने की अनोखी पहल कर रहे नरेश

सुबह होने के साथ ही पटना के इस युवक मुहिम भी शुरू हो जाती है। मुहिम पटना को प्रदूषणमुक्त बनाने की… मुहिम राजधानी में हरियाली भरने की….32 साल के नरेश निकल पड़ते हैं पटना की सड़कों पर हर रोज पेड़ लगाने और लगे पेड़ों में खाद और पानी देने। नरेश अग्रवाल अबतक पटना शहर में 200 से अधिक पौधे लगा चुके हैं कारगिल चौराहा, गांधी मैदान, राजेंद्र नगर, बाजार समिति समेत कई जगहों पर नरेश के लगाए पौधे मुस्कुराते हुए हरित पटना का संदेश दे रहे हैं। इसके साथ ही नरेश केवल पौधे ही नहीं लगाते… लोगों को इसके लिए जागरूक भी कर रहे हैं। गोरैया संरक्षण के लिए भी नरेश ने खास मुहिम चला रखी है। नरेश के प्रयासों से प्रदूषित शहरों में शुमार पटना की तस्वीर धीरे धीरे बदल रही है वहीं लोगों को भी पेड़ बचाने, पेड़ लगाने और प्रकृतिक के साथ चलने का संदेश भी मिल रहा है। जनगण के असली नायक नरेश अग्रवाल को हमारा सलाम।

इनकी ‘पहल’ से भारत बन रहा स्वस्थ


वो समाज के अंधियारे में दिवाकर बन उस कोशिशों में जुटे हैं जिससे उम्मीद की एक नई रोशनी भरी जा सके। उनकी कोशिश एक ऐसे भारत की निर्माण की है जहां किसी की मौत बीमारियों की वजह से न हो पाएं। वो अपनी संस्था ’पहल’ के जरिए जन जन को स्वस्थ बनाने की अनोखी मुहिम में जुटे हैं। ऐ हैं पेशे से चिकित्सक पटना के डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी….डॉक्टर तेजस्वी एड्स जैसे बीमारी के दुष्प्रभाव के खिलाफ व्यापक जन जागररूकता तो फैला ही रहे हैं साथ हीं अन्य बीमारियों को खत्म करने का अलख भी जगा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने पहल नामक संगठन की स्थापना की है। पहल के तहत समय समय पर गरीबों के लिए निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया जाता है साथ ही उन्होंने जरूरी दवाईयां भी मुफ्त दी जाती है। डॉक्टर तेजस्वी ने अबतक 1000 से अधिक स्वास्थ्य शिविर लगा चुके हैं। डॉक्टर दिवाकर विश्व के कई बड़े मंचों से भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। समाज सुधार के हर कार्य में इनकी भागीदारी सबसे बढ़चढ़कर होती है। डॉक्टर दिवाकर की कोशिशों से जहां आम और खास की दूरी मिट रही है वहीं देश निरोग बन स्वस्थ भारत की ओर कदम बढ़ा रहा है। जनगण के नायक डॉक्टर दिवाकर तेजस्वी को गणतंत्र दिवस पर हमारा सलाम…।

जिन्दगी बचाने की अनोखी पहल है ड्राइवरों की दुनिया


सोनू नाज पेशे से ड्राइवर है और उन्होंने बना रखी है ड्राइवरों की ऐसी दुनिया जो लोगों की जिन्दगी बचा रहा है। दरअसल ड्राइवरों की दुनिया एक ग्रुप है जिसमें 100 से अधिक ड्राइवर जुड़े हैं इनके टॉल फ्री नंबर पर किसी भी वक्त सड़क हादसे की जानकारी दी जा सकती है। सूचना मिलते ही उस क्षेत्र के ड्राइवर घटना वाली जगह पर पहुंचते हैं और दुर्घटना में घायल लोगों को अस्पताल पहुंचा उनके जीवन रक्षा करते हैं इतना ही नहीं यह ग्रुप समय समय पर रक्तदान भी करता है। इसके साथ ही गर्मियों के मौसम में जलरथ लगाकर स्वच्छ और ठंढ़ा पानी राहगीरों को उपलब्ध कराया जाता है। सबसे बड़ी बात ये कि सालों से चल रही इनकी मुहिम अनवरत जारी है जबकि किसी भी स्तर पर सरकारी और गैरसरकारी संगठन से सहयोग नहीं मिलता है। सोनू नाज आज कहते हैं कि मानव सेवा ही जीवन का मकसद होना चाहिए और हम इसे निभाने की कोशिश कर रहे हैं। इस गणतंत्र दिवस पर एक सलाम सोनू नाज और उनके ड्राइवरों की दुनिया को