केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज सुबह 8.00 बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या पिछले 24 घंटों में बढ़कर 2,16,918 हो गई है। साथ ही देश में संक्रमण से अब तक 6075 लोगों की मौत हो चुकी है, देश के 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सामने आए मामलों में 106737 सक्रिय हैं। जबकि 104107 लोग ठीक/ डिस्चार्ज या माइग्रेट हुए हैं।
बिहार में कोरोना वायरस के 230 नए मामलों के साथ कुल मामले हुए 4326
बिहार में स्वास्थ विभाग के द्वारा कल शाम आखरी ट्विट कर जारी सुचना के अनुसार अपडेट में कोरोना वायरस के विभिन्न जिलों के 230 नए मामले सामने आए जिसके बाद संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4326 हो गई। बिहार में सक्रिय मामलों की संख्या 2,276 है जबकि कल शाम 4 बजे जारी आकड़ो के मुताबिक अभी तक इस संक्रमण से 2025 लोग ठीक हुए हैं और 25 लोगों की मौत हुई है । गौरतलब है कि अबतक बिहार में 3 मई 2020 के बाद आए प्रवासियों में COVID-19 पॉजिटिव संख्या 3079 है।
#BiharFightsCorona
2nd update of the day.
➡️47 more #COVID19 +ve cases in Bihar taking the total to 4096. The details are as following. We are ascertaining their trail of infection.#BiharHealthDept pic.twitter.com/WKj5wls9CI— Bihar Health Dept (@BiharHealthDept) June 2, 2020
बिहार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक,आज नए मामलों में से खगड़िया में सर्वाधिक 85 मरीज़ मिले जबकि सीतामढ़ी में 14 और समस्तीपुर व दरभंगा में 11-11 मरीज़ मिले। वहीं, आज भागलपुर में 10 और कैमूर में 9 केस दर्ज हुए।गौरतलब है कि अब तक कुल 84,729 से अधिक सैंपल्स की जाँच की जा चुकी है।
कोरोना के इलाज के लिए फिर शुरू होगा ऐंटी मलेरिया ड्रग एचसीक्यू का ट्रायल: डब्ल्यूएचओ
डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा कि कोरोना वायरस के इलाज के लिए ऐंटी मलेरिया ड्रग हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) का क्लिनिकल ट्रायल दोबारा शुरू होगा, गौरतलब है कि 25 मई को, डब्ल्यूएचओ ने घोषणा की थी कि अस्थायी रूप से इस ट्रायल को रोक दिया जाए ताकि सुरक्षा की समीक्षा की जा सके, जो अब ट्रायल के तरीके को बदलने के लिए “कोई कारण नहीं” है।
बतादें कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी का फैसला द लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के बाद आया है जिसमें कहा गया है कि दवा COVID-19 रोगियों में मौत का खतरा बढ़ा सकती है।
एहतियात के तौर पर यह फैसला तथाकथित सॉलिडैरिटी ट्रायल के कार्यकारी समूह ने लिया – जिसमें दुनिया भर के सैकड़ों अस्पतालों ने रोगियों को नोबेल कोरोना वायरस के कई संभावित उपचारों का परीक्षण करने के लिए नामांकित किया है।
बतादें कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन आमतौर पर गठिया के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प सहित कई हस्तियों ने COVID -19 की रोकथाम और उपचार के लिए दवा का समर्थन किया, सरकारों को थोक-खरीद करने के लिए भी प्रेरित किया है।
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