बिहार पंचायत चुनाव के दौरान वोट पाने के लिए इस बार गलत हथकंडा अपनाने वाले प्रत्याशियों को जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। दरअसल, पंचायती राज अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत उनपर कार्रवाई होगी। वहीं, यदि कोई भी उम्मीदवार किसी धर्म, सम्प्रदाय या जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचाएगा तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए के तहत कार्रवाई होगी।
- भाजपा के जारी किया स्टार प्रचारकों की सूची, पीएम मोदी, शाह, नड्डा समेत कई मंत्री शामिल
- सीएम नीतीश कुमार से मिलने सीएम आवास पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा, जमुई सीट से अरुण भारती बने लोजपा (रामविलास) के उम्मीदवार
- ईडी ने आप के गोवा प्रमुख समेत अन्य नेताओं को भेजा समन, सभी को 28 मार्च को गोवा स्थित पणजी ईडी कार्यालय में बुलाया
- कर्नाटक में लोकायुक्त ने 13 सरकारी अधिकारियों के कई ठिकानों पर मारा छापा, करोड़ों की संपत्ति जब्त
- आईपीएल में हैदराबाद ने मुंबई के खिलाफ रचा कीर्तिमान, 11 साल पुराने इस बड़े रिकॉर्ड को भी तोड़ा
इसके तहत 3 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकता है। अगर यह अपराध किसी धार्मिक स्थल पर किया जाएगा तो 5 साल तक की सजा या जुर्माना हो सकता है। पंचायत चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले प्रत्याशियों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में क्या कार्रवाई होगी इसको लेकर आयोग ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। चुनाव की अधिसूचना के साथ ही यह प्रभावी हो जाएगा।
हालांकि चुनाव के दौरान प्रत्याशियों पर कई तरह के प्रतिबंध रहेंगे। चुनाव के दौरान किसी प्रत्याशी के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की भी आलोचना पर रोक रहेगी जिनका संबंध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से नहीं होगा। ऐसे आरोप भी नहीं लगाए जाएंगे जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो। प्रत्याशी अगर किसी अभ्यर्थी की आलोचना करते हैं तो वह उसकी नीति और कार्यक्रम, पूर्व इतिहास और कार्य तक ही सीमित होगी।
You must be logged in to post a comment.