मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पाटलिपुत्र के इतिहास को सार्वजनिक किया जायेगा, इसके लिए चिह्नित स्थल पर खुदाई से विरासत मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने ये बात शुक्रवार को भद्रघाट स्थित राजकीय मुद्राणालय, गुलजारबाग के अधीक्षक आवास का निरीक्षण करते हुए कही।
निरीक्षण के दौरान कला संस्कृति विभाग की सचिव वंदना प्रियेसी, पुरातत्व विभाग के निदेशक दीपक आनंद व बिहार विरासत कार्य समिति के कार्यपालक निदेशक विजय कुमार चौधरी ने बताया कि यह स्थल गंगा नदी से 150 मीटर की दूरी व 48 मीटर ऊंची जमीन पर है। इस दौरान अधिकारियों की ओर से तैयार किये गये नक्शा दिखाते हुए चिह्नित किये गये स्थलों के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे ट्रैक के नीचे भी पाटलिपुत्र का इतिहास दबा है। यहां से मुख्यमंत्री त्रिपोलिया स्थित बीएनआर ट्रेनिंग स्कूल पहुंचे और वहां पर ऐतिहासिकता को देखा।
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इस दौरान मुख्यमंत्री ने छात्राओं से पढ़ाई के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद विद्यालय आने वाले मार्ग को ठीक कराने व विद्यालय परिसर के जर्जर भवन को दुरूस्त कराने के साथ डेस्क व बेंच उपलब्ध कराने को कहा। कॉलेज प्राचार्य अर्पणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
इस मौके पर एससीईआरटी के निदेशक विनोदानंद झा, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की प्राचार्या वीणा सिन्हा समेत अन्य थे। जबकि, मुख्यमंत्री के साथ पूर्व मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रमंडलीय आयुक्त संजय अग्रवाल, अधिकारी कुमार रवि, जिलाधिकारी डा. चन्द्रशेखर सिंह, विशेष सचिव सह निदेशक अंकेक्षण निदेशालय गोरखनाथ, एसडीओ मुकेश रंजन, डीसीएलआर शिव रंजन कुमार, डीएसपी अमित शरण, मुद्रणालय के अधीक्षक सुशील कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारी थे।
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