बिहार में लॉकडाउन की अटकलों पर पुर्ण विराम- अभी नहीं लगेगा लॉकडाउन – जानिए क्या है नए नियम

बिहार में कोरोना से त्राहिमाम के बावजूद राज्य सरकार ने सूबे में लॉकडाउन नहीं लगाने का फैसला लिया है। बिहार सरकार ने लॉकडाउन के बदले शाम 6 बजे से इवनिंग कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया है।  वहीं सारी दुकानें शाम 4 बजे ही बंद हो जायेंगी। बतादें कि बिहार सरकार के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप ने ये फैसला लिया है।  बताया गया है कि कोरोना वायरस जनित महामारी की दूसरी लहर से देश के अनेक राज्य बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। बिहार में भी पिछले कुछ दिनों से कोरोना पोजिटिव मामलों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उपर्युक्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा विभागीय संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है, जो 30.04.2021 तक लागू हैं।

पुनः राज्य में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार की जिलावार समीक्षा के उपरान्त कोविड संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करने एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं, जो 15.05.2021 तक लागू हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निर्गत Implementation framework for community containment/ large containment के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा निर्देश प्राप्त हुए हैं। उक्त दिशा-निर्देश के अंतर्गत कंटेनमेंट क्षेत्र के चिन्हिकरण एवं प्रतिबंधों की सामान्य रूप-रेखा निरूपित की गई है।

उपर्युक्त वर्णित तथ्यों की पृष्ठभूमि में आज दिनांक 28.04.2021 को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक में दिनांक 18.04.2021 के आदेश द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के अतिरिक्त निम्न प्रतिबंध तत्काल दिनांक 15.05.2021 तक लगाने का निर्णय लिया गया:-

  • दिनांक 29.04.2021 से सारी दुकानें शाम 6 बजे की बजाय 4 बजे अप0 बन्द होंगी।
  • जिला प्रशासन बाजारों में staggering करेगा ताकि भीड़ नही हो। इसके लिए आवश्यकतानुसार क्षेत्रवार/मोहल्लावार दुकानों कोalternate days पर खोलने का आदेश दिया जा सकेगा। अवश्कयकता पड़ने पर जिला प्रशासन भीड़-भाड़ की जगह वाली मंडियों पर भी प्रतिबन्ध लगाते हुए उन्हें खुले जगह में स्थानान्तरित करने हेतु आवष्यक कार्रवाई कर सकता है।
  • रात्रि कफ्र्यू शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा।
  • विवाह समारोह के लिए 50 व्यक्तियों की एवं अंतिम संस्कार के लिए 20 व्यक्तियों की अधिसीमा रहेगी। विवाह समारोह के लिए रात्रि कफ्र्यू रात्रि 10 बजे से प्रभावी होगी।
  • विवाह समारोह में डी॰जे॰ का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
  • इस अवधि के दौरान सभी सरकारी एव गैर सरकारी कार्यालय 25 प्रतिशत उपस्थिति के
  • साथ कार्य करेंगे ( आवश्यक सेवाओं से संबंधित कार्यालयों को छोड़कर )। सभी कर्मियों (सरकारी एवं गैर-सरकारी सेवक) को घर से काम(Work from Home) करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय 4 बजे अप0 बन्द हो जायेगी।
  • दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के बारे में पूर्व में दिए गए निदेश का सख्ती से अनुपालन जिला पदाधिकारी करेंगे और उसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी करायेंगे।

यह प्रतिबंध निम्न सेवाओं/गतिविधियों पर लागू नहीं होगा, परन्तु कोरोना से संबधित गाइडलाइन का अनुपालन सुनिष्चित किया जायेगाः-

  • सार्वजनिक परिवहन (50% sitting क्षमता के अधीन)
  • औद्योगिक प्रतिष्ठान
  • निर्माण कार्य
  • इ-कॉमर्स से जुड़ी सारी गतिविधियाँ
  • स्वास्थ्य प्रक्षेत्र से जुड़े प्रतिष्ठान एवं गतिविधियाँ
  • ठेला पर फल/सब्जी की घूम-घूम कर बिक्री
  • कृषि एवं इससे जुडे़ कार्य
  • रेस्टोरेंट एवं खाने की दुकान पर रात्रि 9 बजे तक ज्ंाम ीवउम अनुमान्य होगा।

कंटेनमेंट जोन गठित करने के पूर्व में दिए गए राज्य सरकार के निदेश के क्रम में एवं भारत सरकार द्वारा 25 अप्रैल, 2021 को दिए गए एडवाइजरी के आलोक में जिला प्रशासन जिले के अंदर जरूरत के अनुरूप कंटेनमेंट जोन्स गठित करेंगे और उपर्युक्त प्रतिबंधों के अतिरिक्त प्रतिबंध यथा सब्जी, फल, मांस, मछली, किराना एवं दवा की दुकानों तथा अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानों को बंद करने आदि के लिए सक्षम होंगे।

इसके अतिरिक्त निम्नानुसार अग्रतर कार्रवाई संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को करना होगा:-

  • राज्य सरकार कोविड से मरे हुए सभी व्यक्तियों (इसमें कोविड टेस्ट में निगेटिव परन्तु कोविड के लक्षण वाले मरीज भी सम्मिलित होंगे), का अंतिम संस्कार अपने खर्च पर कराएगी। नगर विकास विभाग एवं ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए क्रमशः नगर निकाय एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को अधिकृत कर आवष्कतानुसार राशि आवंटित करेंगे।
  • Miking के माध्यम से प्रचार कराते समय अन्य बातों के अलावा कोरोना संक्रमण की स्थानीय स्थिति को भी बताया जाए ताकि प्रचार का अच्छा प्रभाव पड़े।
  • तीन लाख सक्रिय कोविड मरीज मानते हुए सभी प्रकार की आधारभूत संरचना यथा बेड, पाईप ऑक्सीजन, वेंटीलेटर (ventilator), ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (oxygen concentrator) आदि की तैयारी की जाए।
  • इस क्रम में 3 लाख सक्रिय कोविड मरीज के लिए आवश्यक मानव बल यथा चिकित्सक (एलोपैथिक, आयुष, यूनानी, डेंटिस्ट चिकित्सक सहित), लैब
  • टेक्नीसियन, नर्स पारा मेडिकल स्टाफ एव एनेस्थेटिस्ट के अस्थायी पदों का सृजन कर वाक-इन-इन्टरव्यू (Walk -in-interview) के माध्यम से न्यूनतम एक वर्ष के लिए संविदा पर नियुक्ति की जाए। इन नियुक्त निजी व्यक्तियों को
  • संविदा कर्मियों की भाँति एक साल के सरकारी अनुभव की अधिमानता भी दी जाए।
  • सभी सेवानिवृत्त चिकित्सकों, एलोपैथिक, आयुष, डेंटिस्ट को भी काम पर उपर्युक्त आवश्यकता के अनुसार लगाया जाएगा।
  • कोविड के लक्षण वाले रोगी (भले ही कोविड टेस्ट में निगेटिव हों), को भी अस्पताल में भत्र्ती कर उनका ईलाज किया जाए। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में जो आदेश जारी किया है उसका अनुपालन अच्छे से कराया जाए।
  • सारे भेंटीलेटर को चालू किया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एवं जिला पदाधिकारी अपने अपने स्तर से सभी आवश्यक कार्रवाई करेंगे। जिला पदाधिकारी को स्थानीय व्यवस्था के अंतर्गत आवश्यकतानुसार निजी क्षेत्र के सहयोग से भेंटीलेटर्स को चलाने हेतु प्राधिकृत किया जाए।
  • जाँच की संख्या बढ़ाई जाए और आर॰टी॰पी॰सी॰आर॰ टेस्ट हेतु और अधिक मशीन क्रय कर (मानव बल की भी व्यवस्था के साथ) इसे कार्यशील किया जाए।
  • चुनाव से लौटे (पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों से) पुलिस कर्मियों की कोविड जाँच की जाए। इसमें यह ध्यान रखा जाए कि वे अन्य लोगों से मिलें नहीं जिससे की कोविड का संक्रमण नहीं फैले।
  • रेमडेसिविर एवं अन्य दवाएँ आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को आसानी से एवं एक निर्धारित प्रक्रिया के अंदर मिल जाए इसकी सुनिश्चित व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग करे।
  • बढ़ते संक्रमण को देखते हुए आवश्यकतानुसार एम्बुलेंस किराए पर हर जिले में लिया जाए।
  • राज्य मुख्यालय स्तर पर एवं जिला मुख्यालय स्तर पर कार्यरत हेल्पलाइन को और संवेदनशील, सुदृढ़ एवं उत्तरदायी बनाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए की आम लोगों की शिकायतों एवं सुझावों का शीघ्र निराकरण हो।
  • स्वास्थ्य विभाग में ऐसी व्यवस्था की जाए कि सभी जिलों के जिला पदाधिकारियों से स्वास्थ्य संबंधी सभी प्रकार के अद्यतन आंकड़े एवं सुझाव हर 2 दिन पर विभाग को मिल जाए। इन आंकड़ों के आधार पर यदि आवश्यक हो तो विभाग समीक्षा कर आवश्यक निर्णय लेगा।
  • निजी अस्पताल, जो केवल कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हुए हैं उनकी समस्या के निराकरण के लिए संस्थागत व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग बना ले और इसके माध्यम से नियमित बैठक कर समस्यों का निराकरण करे।
  • गत वर्ष की तरह मुज्जफरपुर में कोरोना संक्रमण के लिए अतिरिक्त अस्थायी अस्पताल का निर्माण कराया जाय।
  • अस्पतालों में चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी कोविड मरीजों के ईलाज को देखें। चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मी की सुरक्षा के लिए गृह विभाग एवं जिला प्रशासन आवश्यक कार्रवाई करे।
  • सभी जिला पदाधिकारी इस आदेष के अनुपालन हेतु द0 प्र0 सं0 की धारा 144 के अन्तर्गत निषेधाज्ञा निर्गत करेंगे।
  • उपरोक्त आदेषों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60 एवं भा.द.वि. की धारा 188 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगीे।