बार बार कोर्ट के आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है, आपसे नही संभल रहा बिहार तो सेना को सौंप दें ज़िम्मेदारी: पटना हाई कोर्ट

बिहार में बढ़ते कोरोना संक्रमण से बिगड़ते हालात के मद्देनज़र मंगलवार को पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने राज्य सरकार के कोरोना से निपटने में असफल होने पर गहरी नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि बार बार कोर्ट के आदेश के बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होना शर्म की बात है। इसके अलावा कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इस स्थिति में राज्य की स्वास्थ्य सेवा को सेना को सौंप दी जानी चाहिए। इतना कहकर कर कोर्ट ने सुनवाई 6 मई तक टाल दी। अब इस मामले में 6 मई को सुनवाई होगी।

सरकार की तरफ से जस्टिस सीएस सिंह की खंडपीठ को बताया गया कि राज्य में 5 मई से लेकर 15 मई तक लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है।

गौरतलब है कि मंगलवार को पटना हाईकोर्ट में कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान राज्य में लॉकडाउन लगाने के निर्णय की जानकारी दी। हालांकि नीतीश सरकार ने यह फैसला कई बैठकों के बाद लिया है।

बिहार में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 11,407 नए मामले सामने आए हैं, जहां सबसे अधिक पटना में 2028 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके अलावा अररिया में 211, अरवल में 88, औरंगाबाद में 356, बांका में 96, बेगूसराय में 510, भागलपुर में 378, बक्सर में 75, दरभंगा में 139, पूर्वी चंपारण में 148 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी हैं।

इसके अलावा गया में 662, गोपालगंज में 294, जमुई में 76, जहानाबाद में 149, कैमूर में 98, कटिहार में 198, खगड़िया में 116, किशनगंज में 59, लखीसराय में 60, मधेपुरा में 155, मधुबनी में 157, मुंगेर में 175, मुजफ्फरपुर में 653, नालंदा में 346, नवादा में 124, पूर्णिया में 286, रोहतास में 130, सहरसा में 499, समस्तीपुर में 290, सारण में 361, शिवहर में 70, सीतामढ़ी में 129, सिवान में 304, सुपौल में 297, वैशाली में 135 और पश्चिम चंपारण में 549 मामले सामने आए हैं।