बिहार के छपरा में एक दर्दनाक हादसा की खबर है। बताया जा रहा है कि यहां बालू से भरी नाव गंगा नदी में पलट गई। मीडिया से मिली जानकारी के मुताबक नाव के अंदर 14 लोग सवार थे। जिनके डूबने की आशंका जताई जा रही है।
मामले की जानकारी लगते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। फौरन आला अधिकारी टीम सहित मौके पर पहुंच गए हैं और राहत-बचाव कार्य किया जा रहा है. कुछ मजदूरों के तैर कर बाहर आने की भी बात कही जा रही है, लेकिन पुष्टि कोई नहीं कर रहा है।
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कहा जा रहा है कि डोरीगंज और मनेर की सीमा पर नास के पास ये हादसा हुआ है। लवर से बालू लाद कर नाव लौट रही थी. नाव पर बालू लादने और उतारने वाले मजदूरों के साथ ही मल्लाह भी थे। गंगा में लापता हुए मजदूर मुजफ्फरपुर और मोतिहारी के बताए जा रहे हैं। गोताखोरों को भी मौके पर बुलाया गया है। साथ ही मोटर बोट से घटनास्थल पर पड़ताल की जा रही है।
गंगा में उठ रही थी ऊंचे लहरे
जिस समय ये घटना हुई उस समय गंगा नदी में ऊंची लहरे उठ रही थी। उन लहरों में इस नाव के अलावा 2 नाव और फंसी थी। वो दो नाव खाली थी, तो जिस वजह से वो इस हादसे का शिकार होने से बच गई, लेकिन बालू से भरी होने के कारण ये नाव पलट गई। गंगा नदी में उठ रही ऊंची लहरों के कारण अन्य नाव पर सवार लोग डूब रहे लोगों की मदद नहीं कर पाए। देर शाम तक किसी मजदूर के तैरकर बाहर निकलने की सूचना नहीं मिली है।
तेज वबंडर के कारण हुआ हादसा
प्रत्यक्षदर्शी मजदूरों ने बताया कि बवंडर इतना तेज था कि कोई मजदूर नाव पर से नदी में कूद भी नहीं पाया। देर शाम तक किसी मजदूर या नाविक के तैरकर बाहर निकलने की सूचना नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि बालू से भरी नाव सारण के डोरीगंज थानाक्षेत्र के दियारे के बलवन टोला गांव की थी। नाव पर मजदूरी करने वाले सभी मजदूर और नाविक मुजफ्फरपुर और मोतिहारी के रहने वाले हैं।
गौरतलब है कि नास के समीप अक्सर बालू लदी नावें डूबती हैं जिसका पता आम लोगों या स्थानीय प्रशासन को भी नहीं चल पाता है। दो दिन पहले ही इसी जगह पर बालू लदी एक नाव डूबी थी. इस घटना में सभी मजदूर सुरक्षित बच गए थे। नाव डूबने की घटनाएं अक्सर होती रहती हैं. स्थानीय मजदूर होने की स्थिति में भी स्थानीय स्तर पर सुलह हो जाती है। वहीं बाहरी मजदूर के गायब होने पर तो जल्दी पता ही नहीं चल पाता है। डोरीगंज थानाध्यक्ष राजेश कुमार चौधरी ने बताया कि इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
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