नदियों में पानी कम होते ही कटाव तेज, लोगों की बढ़ी परेशानी, वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में कटाव से पेड़-पौधे और वनय जीवों पर भी खतरा उत्पन्न

उत्तर बिहार से गुजरने वाली नदियों में बूढ़ी गंडक को छोडक़र अन्य में तेजी अब थमने लगा है। हालांकि इसके साथ ही कटाव तेज होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। चम्पारण में गंडक और बूढ़ी गंडक तो मधुबनी में कमला बलान से कटाव तेज हो गया है। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में गंडक की उपधारा के कटाव से पेड़-पौधे और वनय जीवों पर खतरा उत्पन्न हो गया है। वीटीआर प्रशासन ने इसको लेकर मुख्यालय को त्राहिमाम पत्र लिखा है। वाल्मीकिनगर बराज से पानी छोडऩे का सिलसिला घट बढ़ रहा है। अब दो लाख क्यूसेक के आसपास पानी छोड़ा जा रहा है। गंडक में पानी कम होते ही कटाव तेज हो गया है। तेज धार की जड़ में वीटीआर का जंगल आ गया है। इधर, बगहा के काली घाट पर दबाव बना हुआ है। पिपरासी, ठकराहा, बैरिया में भी कटाव का खतरा है।

बूढ़ी गंडक कर रही कटाव 

पूर्वी चम्पारण के राजेपुर थाना के फुलवरिया गांव के पास 500 फीट लंबाई में बूढ़ी गंडक कटाव कर रही है। अरेराज प्रखंड के मलाही के सखवा टोक गांव में 57 घर को गंडक काट चुकी है। दहशत से कुछ परिवार नगदहां पंचायत तो कुछ अन्य शरण लिए हैं। भूडक़ुड़वा पुल के निकट कटाव से रास्ता बंद होने का खतरा बढ़ गया है। सुगौली की सात पंचायतों व शहर के सात वार्डों में बाढ़ की स्थिति बरकरार है। बंजरिया की छह पंचायतों और केसरिया के तीन गांव अब भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। पताही में मोतिहारी-शिवहर मार्ग पर छठे दिन भी आवागमन ठप रहा। डुमरियाघाट व चटिया में गंडक का पानी घट रहा है।

समस्तीपुर जिले में जहां बूढ़ी गंडक में उफान जारी है वहीं बागमती व गंगा स्थिर हो गयी है। हालांकि तीनों नदियां अभी खतरे के निशान से ऊपर हैं। शुक्रवार सुबह बूढ़ी गंडक का जलस्तर 46.25 मीटर पर पहुंच गया था जो खतरे के निशान से 52 सेमी ऊपर है। बागमती के पानी से कल्याणपुर के कई गांवों के लोग बेहाल हैं। चकमेहसी के बाढ़ विस्थापित जीरो किमी बांध पर शरण लिए हैं। इधर, शुक्रवार दोपहर से मोहनपुर में गंगा के जलस्तर में कमी आने लगी है। शुक्रवार दोपहर सरारी में खतरे के निशान से 75 सेंटीमीटर ऊपर है। हसनपुर के सिरसिया गांव में करेह व कोसी नदी का पानी फैल गया है। बीते दो महीने में यहा दूसरी बार बाढ़ का पानी घुसा है। इस बार अगस्त में आयी बाढ़ से ढाई फीट अधिक है। जबकि विभूतिपुर प्रखंड की टभका पंचायत में दर्जनों घर में वैती नदी का पानी प्रवेश गया है।

बागमती, अधवरा समूह की नदियां अभी भी लाल निशान के करीब

सीतामढ़ी जिले की बागमती, अधवरा समूह की नदियां अभी भी लाल निशान के आसपास बह रही है। बागमती नदी कटौझा में लाल निशान से 90 सेमी ऊपर बह रही है। वहीं सुंदरपुर में अधवारा नदी 1.15 मीटर लाल निशान से ऊपर बह रही है। शहर से गुजरी लखनदेई नदी ऊफान पर है। बाढ़ का पानी डुमरा के मुरादपुर, लगमा, रीगा के सिरौली, फतेहपुर सहित रून्नीसैदपुर की कई पंचायत में फिर फैल गया है।

दरभंगा में बागमती नदी अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। हायाघाट मुंडा रेल पुल के गार्डर से पानी टकराने के कारण अभी भी पुल पर भारी दबाव बना हुआ है। शुक्रवार को चौथे दिन भी रेल सेवा बंद रहने से दैनिक यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, बागमती का पानी शहर के पश्चिमी इलाके में फैल रहा है। शुभंकरपुर, रत्नोपट्टी, नावघाट आदि मोहल्लों में बाढ़ का पानी फैल रहा है। मब्बी-शुभंकरपुर सडक़ पर पानी बहने से आवागमन बाधित है। वहीं, अधवारा का पानी केवटी प्रखंड के पिंडारुच गांव में फैल रहा है। उधर, कमला और जीवछ नदी का जलस्तर बढऩे से बिरौल प्रखंड की दो पंचायतों में बाढ़ का पानी फैल गया है।