खबरों के नाम पर मौज-मस्ती में गुम है मीडिया का एक तबका, बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

देश में पत्रकारिता जगत के सबसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड रामनाथ गोयनका से कई पत्रकारों को सम्मानित किया गया है पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यां के लिए रामनाथ गोयनका सम्मान प्रदान किया जाता है। चूंकि पत्रकारिता समाज का आईना होता है, और जिसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। लेकिन आज के दौर में पत्रकारिता के गिरते स्तर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मीडिया के एक खास तबके को निशाना बनाया है।

ये बोले रामनाथ कोविंद

ब्रेकिंग न्यूज के सिंड्रोम में ‘फाइव डब्ल्यू’ का प्रचलन लगातार खत्म होता जा रहा है। जिसे पुराने लोग किसी भी स्टोरी के एक न्यूज रिपोर्ट के तौर पर पेश किए जाने के लिए काफी जरूरी मानते थे। फेक न्यूज काफी बढ़ रही हैं। लोग खुद को पत्रकार बताकर ऐसी खबरों का चलन बढ़ा रहे हैं। टेक्नोलॉजी ने एक नए तरह की पत्रकारिता को जन्म दिया है। जिससे जर्नलिस्ट तथ्यों को खुलकर सामने रख सकते ह। साथ ही तस्वीर के हर पहलू को सामने रख सकते हैं।

राष्ट्रपति ने आगे कहा,

मैं जानता हूं कि आज एक पत्रकार को अपनी नौकरी में कई तरह रोल अदा करने होते हैं. कभी वो एक खोजी पत्रकार की भूमिका निभाते हैं तो कभी खुद फरियादी बनते हैं और कभी-कभी खुद जज की भूमिका भी निभाते हैं. लेकिन पावर होने के बाद ये सारी कवायद जवाबदेही के साथ होनी जरूरी हैं?

राष्ट्रपति कोविंद ने मीडिया के उस तबके का भी जिक्र किया, जहां खबरों के नाम पर एंटरटेनमेंट जैसी चीजें दिखाई जाती है। उन्होंने कहा,

मीडिया का एक खास तबका न्यूज के नाम पर एंटरटेनमेंट दिखा रहा है. समाजिक असमानता की तस्वीर दिखाने वाली खबरों को नजरअंदाज किया जा रहा है. उनकी जगह ट्रिविया ने ले ली है। लेकिन मुझे विश्वास है कि अच्छी पत्रकारिता लंबे समय तक जिंदा रहेगी।