चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को प्रचंड बहुमत का एक बड़ा श्रेय प्रशांत किशोर को जा रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस जीत में प्रशांत किशोर की बड़ी भूमिका रही है। आपको बता दें कि इससे पहले वो जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे, लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
दिसंबर 2019 में थामा था आप का हाथ
आपको बता दें कि प्रशांत किशोर पिछले साल दिसंबर में आम आदमी पार्टी का प्रचार अभियान संभालने के लिए उससे हाथ मिलाया था। मंगलवार को रिजल्ट आने के बाद प्रशांत ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर लिखा, ‘भारत की आत्मा की हिफाजत के खातिर खड़ा होने के लिए शुक्रिया दिल्ली।’
Thank you Delhi for standing up to protect the soul of India!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) February 11, 2020
प्रशांत महज तीन साल पहले पंजाब में कांग्रेस के चुनावी अभियान की कमान संभाली थी। कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में सत्ता हासिल की थी, जबकि आप को दूसरा स्थान मिला था।
बिहार के लिए बड़ा प्लान?
प्रशांत ने अपनी योजनाओं का खुलासा नहीं किया, लेकिन उनके करीबियों ने बताया कि वह बिहार चुनाव में चुनावी रणनीतिकार के तौर पर नहीं, बल्कि नेता के रूप में सक्रिय रहेंगे। उनके एक सहयोगी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘उनके पास बिहार के लिए कुछ खास योजना है और अगले दो तीन महीने में राज्य की तस्वीर अभी जैसी दिख रही है, उससे बिल्कुल अलग होगी।’
NRC पर स्टैंड के खिलाफ बाहर हुए थे पीके
Thank you @NitishKumar. My best wishes to you to retain the chair of Chief Minister of Bihar. God bless you.??
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 29, 2020
इस साल 28 जनवरी को बीजेपी की एक सहयोगी जेडीयू ने प्रशांत के सीएए और एनआरसी पर रुख के चलते उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया। हालांकि, उनकी चुनावी रणनीतिकार के तौर पर मांग बरकरार रहेगी। 2 फरवरी को डीएमके नेता एम के स्टालिन ने कैंपेन मैनेजमेंट के लिए प्रशांत की कंपनी इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमिटी की सेवाएं लेने का ऐलान किया।
ममता के साथ काम कर रहे PK
प्रशांत 2021 विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ भी काम कर रहे हैं। उन्होंने हमारे सहयोगी समाचार पत्र इकनॉमिक टाइम्स को बताया, ‘प्च्।ब् पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में काम जारी रखेगी, लेकिन उससे पहले इस साल बिहार में चुनाव होने वाले हैं। मैं 18 फरवरी को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा, जिसमें राज्य को लेकर अपनी आगामी योजनाओं की जानकारी दूंगा।’
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