दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे जज के ट्रांसफर का मतलब क्या ? समझिए आसान भाषा में…

दिल्ली हिंसा मामले की सुनवाई कर रहे दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर का ट्रांसफर कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से इसके लिए 12 फरवरी को सिफारिश की गई थी। इस सिफारिश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चीफ जस्टिस एसए बोबडे के साथ चर्चा के बाद मंजूरी दे दी। एस. मुरलीधर का ट्रांसफर हरियाणा और पंजाब हाईकोर्ट कर दिया गया है। आपको बता दें कि इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गयी है।

तबादला क्यों ?

आपको बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध और समर्थन में आये दो गुटों के बीच हिंसक झड़प हो गयी। इस हिंसा में गुरूवार सुबह तक 32 लोगों की मौत हो गयी। इस मामले में सुनवाई करते हुए जब दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन जज एस. मुरलीधर ने सरकार और प्रशासन को फटकार लगायी, तो हालात पर काबू पाने का प्रयास किया गया। इसके बाद उन्होंने हिंसा के लिए जिम्मेदार भड़काउ भाषणों को लेकर भी कपिल मिश्रा, परवेश शर्मा जैसे नेताओं पर अब तक कार्रवाई न हो पाने पर भी सवाल उठाए थे। इसे लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। खासकर कांग्रेस यह आरोप लगा रही है कि मोदी सरकार न्याय का मुंह बंद कर देना चाहती है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते कॉलेजियम द्वारा जस्टिस मुरलीधर के तबादले की सिफारिश होने पर दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोएसिशन के वकीलों ने नाराजगी जताई थी। जस्टिस मुरलीधर को 2006 में दिल्ली हाईकोर्ट बतौर जज नियुक्त किया गया था। वह 2023 में सेवानिवृत्त होंगे।