कोरोना से जंग की तैयारियों में ‘भारत’ यूं हीं नहीं है अमेरिका और चीन से आगे

पूरी दुनिया के लिए कोरोना वायरस खौफ का दूसरा नाम बन गया है। चीन के वुहान शहर से फैले इस वायरस का प्रकोप 100 से अधिक देशों में फैल चुका है। दुनियाभर में इससे मरने वालों की संख्या 5,833 हो गयी जबकि डेढ़ लाख से अधिक संक्रमण के मामले हैं। वहीं भारत में भी सौ से अधिक संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं और अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन बड़ी और हौसला अफजाई करने वाली बात यह है कि भारत की आबादी के हिसाब से यहां यह संक्रमण न के बराबर फैला है। जबकि इटली जैसे छोटे देशों में कोरोना ने तबाही मचा दी है।

तो आइये जानते हैं कि भारत कोरोना से जंग की तैयारियों में चीन, अमेरिका और इटली जैसे देशों से आगे कैसे है ?

अमेरिका से पहले भारत ने शुरू की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग

भारत ने अमेरिका से पहले ही विदेश से लौटने वाले यात्रियों की जांच शुरू कर दी थी। भारत में 22 जनवरी के करीब ही कोरोना वायरस को लेकर एयरपोर्ट पर जांच शुरू हो गई थी, लेकिन अमेरिका ने 25 जनवरी के बाद ये कदम उठाया। बता दें कि अमेरिकी मीडिया ने इस बात पर जोर भी डाला था कि कोरोना के कुछ मामले मिलने के बावजूद वहां की सरकार ने एयरपोर्ट पर इसकी जांच शुरू नहीं की है।

समय से कर ली आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था

भारत ने शुरुआत से ही आइसोलेशन कैंप की व्यवस्था कर दी थी, ताकि विदेश से निकाले गए लोगों और अन्य कोरोना संक्रमित लोगों को आइसोलेशन में रखा जा सके। अब तक किसी भी संक्रमित शख्स ने सरकार पर उंगली नहीं उठाई है। इतना ही नहीं, किसी ऑथेंटिक ऑर्गनाइजेशन ने भी भारत सरकार की तैयारियों पर कोई नेगेटिव प्रतिक्रिया नहीं दी है।

अपने नागरिकों के रेस्क्यू करने में अव्वल

रेस्क्यू ऑपरेशन के मामले में भारत टॉप पर है। जहां पाकिस्तान जैसे देश ने अपने नागरिकों को चीन में ही छोड़ दिया, वहीं भारत ने हर भारतीय नागरिक को निकाल लिया। भारत से सबसे अधिक फ्लाइट भेजी गई हैं। समय रहते अपने नागरिकों को निकालने की वजह से भी यहां संक्रमण काफी कम है। हाल ही में ईरान से भी 234 भारतीयों को निकाल कर देश वापस लाया गया है।

  • बड़ी हस्तियों ने भी गंभीरता से लिया कोरोना को

  • सभी मंत्रालय हो गए सतर्क, जारी हुईं अडवाइजरी

  • दक्षेस देशों से साझी रणनीति बनाने का आह्वान

  • सैंपल टेस्टिंग और लैब की मजबूत व्यवस्था