बिहार के अररिया में दिखी वीआईपीगिरी, गाड़ी रूकवाने पर अफसर ने करा दी सिपाही को उठक-बैठक

उठक बैठक करते बिहार पुलिस के इस सिपाही की तस्वीर जरा गौर से देखिये सीएम साहब। ये बस सिपाही की उठक बैठक नहीं है, यह आपके सुशासन की उठक बैठक है। आपके अधिकारी का रौब है,जो सुशासन के फार्मुले के लेकर सड़क पर ही झटपट सजा दे रहे हैं इस अदना से सिपाही को। एक से 50 तक गिन- गिन कर इस सिपाही को उठक बैठक करवा रहे। इसपर भी यह बैठकी कराने वाले साहब की दरियादिली देखिये कह रहे हैं कि शुक्र मनाओ उठक बैठक करवा कर ही छोड़ दिया वरना जेल में सड़ रहे होते

गाड़ी रूकवाया तो करना पड़ा उठक बैठक

हम तो कहेंगे कि कोट- कचहरी बंद करवा दीजिए , आपकी सरकार में ऐसे अधिकारियों के होते कोट- कचहरी की क्या जरूरत।अब सुशासन काल में बीच सड़क पर उठक बैठकी लगाने वाले इस सिपाही का गुनाह भी हम बता देते हैं इसका गुनाह बस इतना था कि लॉकडाउन में आ रही साहब की गाड़ी गाड़ी रूकवा कर कंफार्म होना चाहा। बस सुशासन के साहब उखड़ गए हत्थे से। साहब अररिया के कृर्षी विकास पदाधिकारी हैं कोई मजाक थोड़े ही है कि अदना से सिपाही ने बीच सड़क पर गाड़ी रूकवादी । साहब सुशासन के बड़े नुमाइंदे हैं बड़े अधिकारी है सो न्याय में देर कैसे करते सड़क पर ही तुरंत सजा दे डाली सिपाही को, और करवा दी उठक बैठक ।

सीएम साहब आपके राज के अधिकारी तो गुलाम भारत के अंग्रेज अधिकारियों से भी ज्यादा नबाब निकले। हमें तो यकीं है कि जब भी बिहार का इतिहास लिखा जाएगा आपके इन नबाब अधिकारियों की नबाबी जरूर दर्ज होगी उसमें आखिर राज सुशासन का जो ठहरा।

दोषी अधिकारी को शो कॉज नोटिस जारी

अब सोशल मीडिया पर हंगामा मचने के बाद दोषी अधिकारी को शो कॉज नोटिस तो थमा दिया गया है , विभागीय जांच की भी बात कही जा रही है पर क्या इन सब से बिहार के सरकारी अधिकारी की लाट साहब वाली मानसिकता बदलेगी या फिर कहीं कोई और अधिकारी इसी तरह घमंड में चुर किसी कर्मचारी पर जुर्म ढ़ा रहा होगा।