लॉकडाउन में बांटने के लिए आयी थी दवाईयां, अब कचरे के ढ़ेर पर फेंका जा रहा

पटना : आयुष मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा पटना सिटी के गुजरी बाजार में निर्मित यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान में कचरे के ढ़ेर पर भारी मात्रा में दवाइयां फेंकी पड़ी मिली। बताया जाता है कि लॉकडाउन के दौरान कोलकाता के संस्थान से लगभग 75 बॉक्स दवा पटना भेजी गयी थी। लेकिन तीन-चार महीने के शॉर्ट टर्म और लॉकडाउन में ओपीडी सेवा बंद रहने के कारण दवाईयां नहीं बांटी जा सकी। इस स्थिति में भारी मात्रा में ये दवाईयां एक्सपायर हो गयी और प्रशासन ने इसे कचरे के ढ़ेर पर फेंक दिया। इन दवाईयों की कीमत लाखों रूपये बताया जाता है।

डॉक्टरों पर कमीशनखोरी का आरोप

वहीं स्थानीय लोगो ने यूनानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. इश्तेयाक आलम पर संगीन आरोप लगाते हुए बताया कि वे दवाइयों को दुरुपयोग कर एक्सपायरी होने वाली दवा मंगवाते हैं और मरीज़ो को दवा न देकर प्राइवेट क्लीनिक से दवा लिए जाने के लिए सलाह देते हैं। इस स्थिति में संस्थान के डॉक्टरों को कमीशन भी मिलता है। डॉक्टर अपने प्राइवेट क्लिनिक पर भेज देते हैं। और अंत में लाखों की दवाईयां फेंक कर इसका दुर्पयोग करते हैं। वहीं इन सब मामलों पर संस्थान के निदेशक डॉ. इश्तेयाक आलम कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।